A.R.Sahil Tag: ग़ज़ल/गीतिका 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid A.R.Sahil 26 Oct 2020 · 1 min read आशिक हूँ पर... आशिक हूँ पर अब और आशिकी , मुझ से किया नही जाता…। तेरी बेवफाई का जहर पीकर अब और मुस्कुराया नही जाता…॥ एक मुद्दत गुजारी है, हमने सनम तेरे दीदार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 536 Share A.R.Sahil 19 Aug 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- वक़्त का मुसाफ़िर वक़्त का मुसाफ़िर मैं, वक़्त का मुहाजिर मैं । वक़्त कब फना कर दे, मंबअ-ए-अनासिर मैं ।। नाचता ही रहता हूँ, वक़्त के इशारों पर । क़ैद-ए-जिंदगी में हूँ, बेबसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 253 Share A.R.Sahil 13 Aug 2020 · 1 min read गज़ल:- चल झूठी तुझसे कमतर चाँद का यौवन, चल झूठी देखा भी है तुने दर्पण, चल झूठी कहती है तूँ, बन कर साँप लिपट जाऊँ जिस्म नहीं होता है चंदन, चल झूठी तूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 505 Share A.R.Sahil 7 Apr 2019 · 1 min read ग़ज़ल :- मेरी औकात मेरी औकात है क्या, मुझको बताता है कोई...! आईना ले के मेरे सामने आता है कोई...!! ख़ुदकुशी जुर्म है सो, जब्त गम पे करता है कोई...! ज़िन्दगी हँस के भला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 437 Share A.R.Sahil 29 Dec 2018 · 1 min read गजल:- दर्दे दिल जो उन्हें हम सुनाने लगे दर्दे दिल जो उन्हें हम सुनाने लगे...! उनको हर बात में सौ फसाने लगे...! ऐसे जुगनू जिन्हें था सितारा किया..! फ़र्ज़ का पाठ हमको पढ़ाने लगे...!! मिल गयी उनको शोहरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share A.R.Sahil 23 Nov 2018 · 1 min read गजल: न कोई गजल न कोई मिश्रा तमाम शहर की अक्सर, रहे नजर में है…! वो एक शख्स जो मेरे लहू, जिगर में है…!! खयालो ख्वाब की मंजिल तलाश करता फिरे…! हरेक शख्स यहाँ, उम्र भर सफर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 374 Share A.R.Sahil 22 Nov 2018 · 1 min read गज़ल:- नई है सोच नया इन्कलाब का सूरज नई है सोच नया इन्क़लाब का सूरज ! निकल रहा है नई आबो-ताब का सूरज !! खुदा के खौफ से डरना जो जानते ही नहीं ! डुबो के रहता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 266 Share A.R.Sahil 21 Nov 2018 · 1 min read गज़ल:- तुझे आज से बेवफा लिख रहा हूँ तेरे जुल्म की इन्तेहा लिख रहा हूँ ! तुझे आज से बेवफा लिख रहा हूँ !! हया लिख रहा हूँ, अदा लिख रहा हूँ ! तेरे हुस्न को आइना लिख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 299 Share A.R.Sahil 20 Nov 2018 · 1 min read गजल: जो कर सको तो मेरे नाम एक शाम करो तमाम उम्र न मांगी कि मेरे नाम करो जो कर सको तो मेरे नाम एक शाम करो !! सनम न समझो मगर हमसे अजनबी जैसे हुजूर जब भी मिलो तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 445 Share