Archana Singh Tag: मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Archana Singh 14 Jun 2016 · 1 min read पार लगाना है नोका स्वर्ण रश्मियों संग भास्कर,दूर छितिज में ढलता जाये। मझधार खड़ी नोका लेकिन,माँझी खेता चलता जाये। दूर बहुत है अभी किनारा,अँधियारा कुछ गहराता सा, पर पार लगाना है नोका,यह भाव हृदय... Hindi · मुक्तक 1 3 634 Share