Akshunya Anurupa 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Akshunya Anurupa 5 Nov 2018 · 1 min read हाँ मैं माँ हूँ हाँ मैं एक माँ हूँ, सुबह से शाम करती है तमाम, सुबह ओ शाम इच्छा पूर्ति जिसका काम, तुम्हारी मुस्कान पर हो जाती फनाह, न मानो तुम देवता पर समझो... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 43 671 Share