Anurag Anjaan Tag: ग़ज़ल/गीतिका 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Anurag Anjaan 13 May 2020 · 1 min read आंखों में हैं ख्वाब हज़ारों मेरे फिर आंखों में हैं ख्वाब हज़ारों मेरे फिर है मरहम कहां जख्म भरने के लिए। हैं हजारों ही गम इस जहां में अब वजह कहां कोई मुस्कुराने के लिए। रोया एक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 3 289 Share Anurag Anjaan 13 May 2020 · 1 min read उसका शहर उसका गाव उसकी तीक्ष्ण मुस्कान पसंद है, उसका शहर, उसका गांव पसंद है। बेशक नैन कटार हैं उसके, मगर हमको झुमके की तान पसंद है। Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 282 Share Anurag Anjaan 23 Mar 2020 · 1 min read एक पुराने जख्म को कुरेदना अच्छा लगा एक पुराने जख्म को, कुरेदना अच्छा लगा, उसका ना होकर भी, हो जाना अच्छा लगा। यूं तो तन्हा गुजर रही थी, ज़िंदगी अच्छी मेरी, फिर भी उससे दिल, लगा लेना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 329 Share