Anupinder Singh 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Anupinder Singh 1 Feb 2017 · 1 min read ग़ज़ल बुलाएँ दर पुराने हमारे घर पुराने नए हैं आजतक भी हज़ारों डर पुराने पुराने चाँद तारे नहीं अम्बर पुराने हुई ताज़ा हैं यादें वो ख़त पढ़कर पुराने सताता आइना भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 313 Share