अनूपगोलू बुलंदशहरी 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid अनूपगोलू बुलंदशहरी 7 Nov 2018 · 1 min read माँ "माँ" मैं जब भी सोचती अच्छा ही सोचती, दुःख-सुख में एक समान रहती, मैं कितना सहती, फिर भी मैं खुश रहती, मैं ना करती किसी से शिकायत, ना ही करती... Hindi · कविता 1 1 655 Share