Ankit Kumar 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ankit Kumar 5 May 2023 · 1 min read हम कितना अजीब है, सपनों में हम रोज मिलते है, हकीकत में बहुत दूर है हम। सपनों में कितना कुछ कह गया, हकीकत में एक शब्द भी नहीं कह पाया। सच... Hindi · Love · Love Poetry · You And Me And Us 2 437 Share Ankit Kumar 16 Dec 2020 · 1 min read किसान हूं मैं भोजन का एक-एक कण हूं मैं, आपके मुख का ज़ायका हूं मैं, लाचार हूं मैं, परेशान हूं मैं, गुमराह हूं मैं हां,....... किसान हूं मैं। बंजर भूमि पर हल चलाता... Hindi · कविता 3 3 514 Share