Anjali A 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Anjali A 10 Dec 2018 · 1 min read बस एक औसत औरत हूं मैं यूं ही नहीं हर मोड़ पर हूं मुस्कुराती मैं दर्द की मार से खुद को बनाती हूं मैं जब ठहर जाता मेरा सारा जहां वहां नदिया से हौसले बहाती हूं... Hindi · कविता 1 437 Share Anjali A 10 Dec 2018 · 1 min read जीवन नियम स्वाभिमान जरा बढ़ जाए अहम कहलाता है स्वाभिमान कम हो तो हर कोई धिक्कार लगाता है अहम को त्याग दो ये चला जायेगा जरा तरक्की करी तुमने ये वापिस लौट... Hindi · कविता 531 Share Anjali A 10 Dec 2018 · 1 min read जीवन नियम स्वाभिमान जरा बढ़ जाए अहम कहलाता है स्वाभिमान कम हो तो हर कोई धिक्कार लगाता है अहम को त्याग दो ये चला जायेगा जरा तरक्की करी तुमने ये वापिस लौट... Hindi · कविता 1 314 Share Anjali A 10 Dec 2018 · 1 min read हां मैं स्त्री हूं नीले नभ में अवतरित एक अभिव्यक्ति हूं मैं जल में शोभित एक जलपरी हूं मैं मुसकुराते हुए पुष्प की कोमलता हूं और उस वीर पुरुष के धनुष से निकला तीष्ण... Hindi · कविता 1 626 Share Anjali A 12 Nov 2018 · 1 min read मां मेरा संबल थक कर उदास यूं ही बैठी थी आज मां की बहुत याद आ रही है मां जो लौरी सुना रही है आंचल में मां के मुझे गहरी नींद आ रही... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 62 1k Share