Anil singh Tag: कविता 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Anil singh 29 Aug 2020 · 1 min read स्त्री रो नहीं सकती मै,अश्कों को पीती हूं। मै स्त्री हूं,सब कुछ ,आसानी से सहता हूं। कभी बेटी, बहन , तो कभी, माँ बनती हूं । मै सभी के जज्बातों,का हिसाब... Hindi · कविता 2 3 359 Share Anil singh 13 Aug 2020 · 1 min read हकीकत जी रहा था ख्यावों में हकीकत से सामना न था दुनिया की इस भीड़ में अपनों का पता ना था लोगो की इस भीड़ में कोई भी पराया ना था... Hindi · कविता 6 2 430 Share Anil singh 12 Aug 2020 · 1 min read इंसान कितना मजबूर है इंसान कितना मजबूर है जिन्दगी तुझे जीने के लिए सब कुछ सहता है आसानी से खुलकर तुझसे मिलने के लिए अपने जज्बातों को सहता है कुछ रिश्ते निभाने के लिए... Hindi · कविता 3 2 612 Share Anil singh 11 Aug 2020 · 1 min read हम महान है हम महान है ये मै भी जानता हूं कुछ सवाल है मेरे जानना चाहता हूं इंसान हम सब है तो भेद भाव क्यों खून सबका एक है तो जाति धर्म... Hindi · कविता 2 2 197 Share Anil singh 10 Aug 2020 · 1 min read देश चाहता हूं तुझे सबसे ऊपर लिख दूं जाति धर्म ,भेद भाव से ऊपर लिख दूं अपने मन की व्यथा को बाहर कर दूं तेरी शान में अपना आत्मसम्मान लिख दूं... Hindi · कविता 5 3 353 Share Anil singh 9 Aug 2020 · 1 min read बेटी मै भी उड़ना चाहती हूं पंख कहा से लाऊं मै मै बेटी हू इस धरती पर जी कहा से पाऊ मै लड़ना था मुझे भी दुनिया ने मुझे हराया है... Hindi · कविता 4 8 539 Share Anil singh 6 Aug 2020 · 1 min read नारी का सम्मान चुप है क्योंकि वो अपने सम्मान पे मरती है सपने है उसके लेकिन समाज से डरती है सब कुछ करना चाहती है सोच से डरती है कुछ भी करके अपने... Hindi · कविता 5 393 Share Anil singh 5 Aug 2020 · 1 min read माँ जब मैं चलता हूं हर बद्दुआ बेअसर होती है मां तो नहीं होती लेकिन दुआ साथ होती है मेरे साथ , मेरे साये की तरह चलती है माँ की दुआ... Hindi · कविता 5 4 245 Share Anil singh 4 Aug 2020 · 1 min read ज़िन्दगी जिन्दगी तू ही बता क्या लिखूं तुझे खुशहाल लिखूं या लिखूं परेशान आजाद परिंदा लिखूं या लिखूं तेरा गुलाम हस्ते हुए इंसा लिखूं या लिखूं परेशान जिन्दगी तूही बता क्या... Hindi · कविता 5 6 468 Share Anil singh 2 Aug 2020 · 1 min read ज़िन्दगी सड़कों पर चलती भीड़ का हिस्सा हूं मै संघर्ष कि इस दुनिया का किस्सा हूं मै पीछे छूटती दुनिया में आगे बढ़ना चाहता हूं सफलता की गली से मै भी... Hindi · कविता 5 9 247 Share