अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1368 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 21 Apr 2024 · 1 min read संवेदनाएं संवेदनाएं संवेदनाओं की दुनिया खोलती है एक नई कहानी भयमुक्त हो जाती हैं हमारी प्रार्थनाएं संवेदना एक संभावना नहीं अवसर है जीवन को भय मुक्त पथ पर अग्रसर करने का... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · संवेदना 2 3 22 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 21 Apr 2024 · 1 min read संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट चीरती अनैतिक रिश्तों का दंभ बिखेरती चेहरों पर विश्वास की मुस्कान मानवता में संजोती /बिखेरती इंसानियत की खुशबू दिलों से... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · संवेदना 2 26 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 20 Apr 2024 · 1 min read विचार विचार जब भी जिंदगी में ऐसा लगे कि आप इस दुनिया में सबसे ज्यादा दुखी हैं तब आप एक अस्पताल में केवल आधे घंटे के लिए हो आइए l आपको... Quote Writer 13 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Apr 2024 · 1 min read विचार विचार जब भी आपको सुकून की तलाश हो तब खुद को यहां वहां भटकाने की आवश्यकता नहीं है l केवल चंद मिनट के लिए खुद को भूलकर प्राणायाम की शरण... Quote Writer 16 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Apr 2024 · 1 min read मुक्तक जब तेरी जिंदगी किसी की मुस्कराहट का सबब होने लगे जब तेरे प्रयास से किसी की जिंदगी रोशन होने लगे जब तेरी कोशिश किसी के जीवन को दिशा देने लगे... Hindi · मुक्तक 1 28 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Apr 2024 · 1 min read मुक्तक क्यूँ कर काम से जी चुराते हैं लोग क्यूँ कर नित नए बहाने बनाते हैं लोग क्यूँ कर नहीं करते, अपनी कोशिशों का कारवाँ रोशन क्यूँ कर खुद को बहलाते... Hindi · मुक्तक 1 23 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Mar 2024 · 1 min read कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे चरणों में मस्तक, आए झुकाने तेरे वंशी की धुन पर, नाचें पुजारी तेरे मनमोहक छवि तेरी, सारे निहारें तुझे गाय पुकारें हमे, ग्वाल सभी... Hindi 1 23 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Mar 2024 · 1 min read गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर मेरी सांसों में समा जा, मेरे सपनों की ताबीर बनकर फ़िक्र को धुएँ मे उड़ा जा, मेरे सपनों की ताबीर बनकर पीर दिल की मिटा जा, मेरे सपनों की ताबीर... Hindi · गीत 1 1 30 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Mar 2024 · 1 min read विचार विचार जिस तरह चंद्रमा सूर्य की रोशनी से स्वयं को प्रकाशमान कर लेता है ठीक उसी तरह हम भी पुस्तकों का आश्रय पाकर खुद को प्रकाशवान, ऊर्जावान और ज्ञानवान बना... Quote Writer 1 35 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Mar 2024 · 1 min read सद्विचार सद्विचार पुस्तकों का भी अपना खुशनुमा सफर होता है l जब सही हाथों में पहुंच जाती है तो ज्ञान की रोशनी से व्यक्तित्व परिपूर्ण हो जाता है l अनिल कुमार... Quote Writer 1 32 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2024 · 2 min read ये दुनिया है कि इससे, सत्य सुना जाता नहीं है ये दुनिया है कि इससे, सत्य सुना जाता नहीं है और मैं हूँ कि मुझसे झूठ ,कहा जाता नहीं है मौक़ा परस्तों की है ये दुनिया कि मुझसे झुक कर... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · सत्य 2 36 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2024 · 2 min read सत्य सत्य सत्य के एक छोर पर पुरुष है, तो दूसरे छोर पर स्त्री सत्य के एक छोर पर पौरुष है, तो दूसरे छोर पर स्त्रीत्व सत्य का एक छोर जीवन... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · सत्य · सत्य की खोज 2 34 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2024 · 1 min read सत्य सत्य सत्य की बातें करो तुम सत्य जीता हर सदी में सत्य खोज एक जटिल विषय मांगता अनगिनत परीक्षण सत्य प्राप्ति के चरण में सत्य पढ़ो तुम सत्य गुनो तुम... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · सत्य · सत्य की खोज 3 29 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2024 · 1 min read सत्य का संधान सत्य का संधान सत्य का संधान सत्य का संधान तमस से ज्योति की ओर एक यात्रा अन्धकार से प्रकाश की ओर प्रस्थान कुत्सित विचारों का अंत कर सदविचारों का आत्मसात... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · सत्य की खोज 3 54 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Mar 2024 · 1 min read तेरे जागने मे ही तेरा भला है तेरे जागने मे ही तेरा भला है सो कर तू क्या पाएगा यूँ ही सपनों में भटकता रह जाएगा हाथ ना तेरे कुछ आएगा पीर जो दूसरों की मिटाएगा खुद... Hindi · कविता 1 53 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Mar 2024 · 1 min read विचार विचार जब आप किसी काम को शुरू करने से पहले ही उस काम के परिणाम को लेकर संदेह करने लगते हैं तो समझिए कि आप के असफल होने की पूर्ण... Quote Writer 2 67 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Mar 2024 · 1 min read विचार विचार जब आप किसी कार्य में बार - बार असफ़ल हों तो कुछ समय के लिए उस कार्य को टाल दीजिए l ताकि बार - बार असफल होने की पीड़ा... Quote Writer 2 54 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार आपकी स्वयं के प्रयासों से अर्जित की गई ऊर्जा को अपनी अमानत बनाएं l इसे सही दिशा में उपयोग करें और अपने सपने साकार करें l इस ऊर्जा को... Quote Writer 1 381 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार जनता के वोट के साथ धोखा आज आम बात हो गयी है l इसलिए जनता को दल बदलने वाले नेताओं का पूर्ण बहिष्कार करते हुए अपने वोट को ऐसे... Quote Writer 1 81 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार मनुष्य का अवसरवादी होना उसके अति महत्वाकांक्षी होने को परिलक्षित करता है l इस प्रकार के मनुष्य समाज के लिए नासूर होते हैं l अनिल कुमार गुप्ता अंजुम Quote Writer 1 121 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 10 Feb 2024 · 1 min read मुक्तक - वक़्त वक़्त जब भी हाथ से फिसल जाता है अनगिनत घावों का समंदर दे जाता है जब भी वक़्त को काबू में रखा जाता है सफलताओं का कारवाँ रोशन हो जाता... Hindi 1 80 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार जीवन में संस्कार ठीक उसी तरह जरूरी हैं जिस तरह शरीर में आत्मा l संस्कारित चरित्र समाज के लिए धरोहर होते हैं वे आने वाली पीढ़ी के लिए आदर्श... Quote Writer 1 74 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार विकास का सही अर्थ है कि देश की जनता को प्रदूषण मुक्त पर्यावरण के साथ साथ शिक्षा देने के बारे में प्रयास किए जाएं ना कि जनता के द्वारा... Quote Writer 1 66 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 7 Feb 2024 · 1 min read मुक्तक जहां भी मिल जाती है ठंडी मीठी छांव वहीं रात गुजर कर लेता हूं चंद फूलों की खुशबू को ही फूलों का गुलशन कर लेता हूं l नहीं इंतजार करता... Hindi · मुक्तक 1 83 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार ग़मों का भी अंत होता है एक दिन और उसके बाद फिर एक नई सुबह खुशियों का कारवाँ रोशन कर देती है | इसलिए परिस्थितियाँ कैसी भी हों ,... Quote Writer 2 335 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार एक प्रभावी वक्ता होने के लिए उपयुक्त शब्दों का चयन अति आवश्यक है | एक भी अनुपयुक्त शब्द का चयन , अर्थ को अनर्थ में परिवर्तित करने की क्षमता... Quote Writer 1 66 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Feb 2024 · 1 min read सदविचार सदविचार निजी स्वार्थ के बगैर किया गया कोई भी सत्कार्य , मोक्ष की दिशा में बढ़ाये गए पहले कदम के रूप में परमात्मा द्वारा स्वीकार किया जाता है | इसलिए... Quote Writer 1 77 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार जब तेरी मुस्कान किसी ग़मगीन के चहरे को मुस्कराहट से भर दे , तो समझ लेना तुम इस उस परमात्मा की सर्वोत्तम कृति हो | अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम... Quote Writer 1 73 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Feb 2024 · 1 min read बहके जो कोई तो संभाल लेना बहके जो कोई तो संभाल लेना फिर चाहे अपना हो या हो पराया चंद मुस्कान रोशन कर देना फिर चाहे अपना हो या पराया सिसकने नहीं देना किसी को भी... Hindi · कविता 1 88 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार उपलब्धियों से परिपूर्ण जीवन से बेहतर है एक शांतिपूर्ण जीवन l ज्यादा उपलब्धियों के लालच में जीवन को अशांति के भंवर में उलझाने मे कौन सी समझदारी है l... Quote Writer 1 82 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार मन को शांत बनाए रखने का सर्वोत्तम तरीका है ध्यान l ध्यान, शारीरिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए ठीक उसी तरह आवश्यक है जैसे बीमारी में दवा l अनिल... Quote Writer 1 85 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर मुझमे तुझमे , यहीं कहीं आसपास हैं ईश्वर किसी के जीवन की कहानी के कहानीकार हैं ईश्वर तो किसी के संगीतमय जीवन के... Poetry Writing Challenge · कविता 2 195 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read मातृभूमि मातृभूमि पर तू अपना सर्वस्व वार दे वतन की खातिर दुश्मनों को जमीं में गाड़ दे वतन परस्ती की राह में खुद को तू निसार दे आँख जो पड़े दुश्मन... Poetry Writing Challenge · कविता 1 85 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read जब तक हो तन में प्राण जब तक हो तन में प्राण जुबाँ पर हो एक तेरा नाम गिरने जो लगूं तो संभाल लेना रोने जो लगूं तो हँसा देना किसी को सिसकते देखूं तों चल... Poetry Writing Challenge · कविता 1 83 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read भाग्य प्रबल हो जायेगा जब हर एक दिन को शुभ समझोगे भाग्य प्रबल हो जाएगा जब हर एक कर्म को सत्कर्म करोगे भाग्य प्रबल हो जायेगा जब जीवन को जीवन समझोगे भाग्य प्रबल हो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 74 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम फरेबियों से बच कर रहना , दुर्बलता का त्याग करो तुम पंकज से तुम पावन रहना , सत्य... Poetry Writing Challenge · कविता 1 61 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें चलो किसी नवजात को मुस्कुराना सिखाएं आम के बागों में घूमें , डालियों को झूला बनायें चलो एक बार फिर से... Poetry Writing Challenge · कविता 1 57 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत ख़ुदा की इबादत सिखाता है संगीत दिल के कोने में जब गुनगुनाता है संगीत स्वयं का खुदा से परिचय कराता है संगीत कहीं माँ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 51 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 2 min read आज के बच्चों की बदलती दुनिया आज के बच्चों की बदलती दुनिया बालपन में बचपन को खोजती दुनिया लट्टू की थाप पर थिरकती दुनिया को खोजती पतंग की डोर संग, आसमां छूती दुनिया को टोहती आज... Poetry Writing Challenge · कविता 1 37 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 2 min read हमने देखा है हिमालय को टूटते हमने देखा है हिमालय को टूटते सुनी है उसकी अन्तरात्मा की टीस स्वयं के अस्तित्व को टटोलता मानव मन को टोहता सहज अनुभूतियों के झिलमिलाते रंग फीके पड़ते एक नई... Poetry Writing Challenge · कविता 1 52 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read कुदरत है बड़ी कारसाज कुदरत है बड़ी कारसाज, आओ करें इससे प्यार कुदरत के नज़ारे हज़ार , आओ करें इससे प्यार कुदरत के किस्से हज़ार , आओ करें इससे प्यार कुदरत की महिमा अपार... Poetry Writing Challenge · कविता 1 42 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला सामान्य हुईं सात्विक विचारों भयावहता नज़र अब नहीं आतीं संवेदना और भावुकता लज्जित कर रही काम पूर्ण मानसिकता अस्तित्व को टटोलते संस्कृति व संस्कार... Poetry Writing Challenge · कविता 1 69 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझे युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको सो रही अन्तरात्मा की आवाज जगा दो मुझको बिखर न जाएँ जिन्दगी में ख़ुशी के पल आशा की नई किरणों से... Poetry Writing Challenge · कविता 1 32 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता भूल जाओ जिन्दगी के नकारात्मक पलों की भयावहता चित्त को जीवन के सचेत तुम रखो न होने दो विचारों को नकारात्मकता से अचेत आत्मविश्वास... Poetry Writing Challenge · कविता 1 77 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read समय समय पर जागो , समय पर सोओ समय पर अपना काम करो समय पर पढ़ना , समय पर लिखना रोशन अपना नाम करो समय पर पूजा , काम न दूजा... Poetry Writing Challenge · कविता 1 68 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read कोशिश करना आगे बढ़ना कोशिश करना आगे बढ़ना , तेरा यही प्रयास हो मुश्किलों से तू न डरना , हौसलों की आस हो रहना सजग तुम हमेशा , खामोशी का न साथ हो कीर्ति... Poetry Writing Challenge · कविता 1 58 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं भागते फिर रहे हैं हम , मंजिल का हमको पता नहीं ज्ञान के पीछे भागते हम , पुस्तकें हमको भाती... Poetry Writing Challenge · कविता 1 69 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी धर्म राह पर ले चल मुझको , हे मुरलीधर हे बनवारी तुम करुणा के सागर मेरे , बस जाओ मन... Poetry Writing Challenge · कान्हा भजन 1 75 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी कागज़ की नाव सी ,न हो जिन्दगी तेरी मांझी की पतवार सी , हो जिन्दगी तेरी बंज़र ज़मीं सी ,न हो जिन्दगी तेरी फूलों की खुशबू की मानिंद ,हो जिन्दगी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 35 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read खिलेंगे फूल राहों में खिलेंगे फूल राहों में ज़रा दो कदम तो चल बिछेंगे फूल राहों में ज़रा दो कदम तो चल कौन कहता है सुबह होगी नहीं हौसलों को तू अपने आसमां की... Poetry Writing Challenge · कविता 1 37 Share Page 1 Next