Shubham Anand Manmeet Language: Hindi 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shubham Anand Manmeet 16 Sep 2024 · 1 min read हिंदी दिवस विशेष हिंदी दिवस विशेष अंग्रेजी में नंबर थोड़े कम आते हैं, अंग्रेजी बोलने से भी घबराते हैं.... पर स्टाइल के लिए पूरी जान लगाते हैं, क्योंकि हम हिंदी बोलने से शर्माते... Hindi · Hindi Divas · Shubham Anand Manmeet · कविता 1 54 Share Shubham Anand Manmeet 16 Sep 2024 · 1 min read कभी जो अभ्र जम जाए कभी जो अभ्र जम जाए तो शीशा तोड़ मत देना, बिखर जाए अगर सपने सजाना छोड़ मत देना। उठाए जा सितम दिल पे अपने भी पराए भी किसी भी मोड़... Hindi · Motivational Poem/ Quote/shaya · मोटिवेशनल 1 100 Share Shubham Anand Manmeet 15 Sep 2024 · 1 min read याद तो करती होगी चाँद अधूरा देख फ़रियाद तो करती होगी, माना ज़्यादा नहीं करती, पर याद तो करती होगी। दिन भर बिता लेती होगी वो गैरो की महफ़िल में, फिर रात के कुछ... Hindi 1 83 Share Shubham Anand Manmeet 15 Sep 2024 · 1 min read मन से मन का बंधन कहतें हैं.. बंधनों के कई रूप होते हैं... सात फेरों का बंधन, सात जन्मों का बंधन जन्मों जन्मों का बंधन... पर एक बंधन और भी होता है... मन से मन... Hindi 109 Share Shubham Anand Manmeet 15 Sep 2024 · 1 min read उस स्त्री के प्रेम में मत पड़ना उस स्त्री के प्रेम में मत पड़ना कभी जो किताबें पढ़ती हो , जो महसूस करती हो सब कुछ गहराई के साथ जो लिखती हो शब्द । मत करना किसी... Hindi 1 118 Share Shubham Anand Manmeet 15 Sep 2024 · 1 min read जिंदगी का सफ़र कोई छिड़कता है जख्मों पर नमक ll कोई उनका मरहम बन जाता है ll कोई छोड़ देता है बीच राह हाथ ll कोई मरते दम तक साथ निभाता है ll... Hindi 112 Share Shubham Anand Manmeet 24 Jun 2024 · 1 min read मर्द मर्द हो गया गर किसी का, किसी और का हो नहीं सकता जो दर्द है दिल में, किसी से कह नहीं सकता किसी के कांधे पर रखकर सिर रो नही... Hindi · Prahlad · Shubham Anand Manmeet · कविता · पंचायत 90 Share Shubham Anand Manmeet 16 Jun 2024 · 1 min read सिखला दो न पापा सिखला दो न पापा ज़िन्दगी के गणित में मैं बहुत कच्चा हूँ, मुझे ज़िन्दगी का गणित सिखला दो न पापा। जोड़, घटाना, गुणा और भाग को, जीवन में लागू करना... Hindi · Fathersday · कविता 185 Share Shubham Anand Manmeet 2 Jun 2024 · 1 min read मन की गाँठें मैं शब्दों का हूँ सौदागर, भावों को तौल रहा हूँ। आज लहू से मन की गाँठें, धीरे से खोल रहा हूँ।। छंद-अलंकारों की भाषा, न करूँ मंचों की आशा। तन... Hindi · कविता 1 178 Share Shubham Anand Manmeet 31 May 2024 · 1 min read प्रेम अब खंडित रहेगा। मिल रही थी भाग्य रेखा किंतु इनको मोड़ डाला एक पल सोचा नहीं और बन्धनों को तोड़ डाला मौन अधरों ने किये थे अनकहे संवाद तुमसे व्यर्थ था लेकिन मेरा... Hindi · कविता 1 98 Share Shubham Anand Manmeet 20 May 2024 · 1 min read कई महीने साल गुजर जाते आँखों मे नींद नही होती, कई महीने साल गुजर जाते आँखों मे नींद नही होती, जब एक मासूम सा दिल टूटता.. मन के भीतर शोर होता बाहर नीरसता पसरी होती, जीवन से मोह नही पर... Hindi · कविता 99 Share