Amit Kumar Tag: कविता 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Amit Kumar 25 Apr 2020 · 2 min read बचपन अहा! वो बचपन की यादें! वो गोदी में सोना, वो चीख-चीख कर रोना, वो लाड-वो प्यार, वो खुशियाँ बेशुमार, वो पापा की डांट, फिर अपने ठांट-बांट, वो मम्मी का मनाना,... Hindi · कविता 2 2 491 Share Amit Kumar 25 Apr 2020 · 1 min read स्त्रीत्व देवालयों में जिसको पूजा समझकर दुर्गा-काली, सरेआम सड़कों पर उसको बना डाला है पांचाली, जिसके लिए सजती मंदिरों में पूजार्चना की थाली, उसी कान्ता पर उड़ेल रही आवाम तेजाब की... Hindi · कविता 2 286 Share Amit Kumar 25 Apr 2020 · 2 min read वजह कल रात प्यार करने की वजह मांगी थी न! ठीक ही तो किया। बेसबब तो किसी से मेल-मिलाप भी न हो, फिर तो ये प्यार है। लेकिन फिर भी यह... Hindi · कविता 241 Share Amit Kumar 25 Apr 2020 · 1 min read विजय तुम्हारी बेएतबारी के काले दिनों में मेरी चिर-संगिनी, मेरी हताशा. बोलो कि विषाद की मेरी रेखाओं से तुम्हारा कहाँ कोई सरोकार. तुम्हारे साथ ग़ुजरे लम्हें मिले मुझे झाड़ू रक्खे कोने... Hindi · कविता 541 Share Amit Kumar 25 Apr 2020 · 1 min read नया साल साल नया है, हाल नया हो, मुबारक लो! लिहाजा गिनती बढ़ी है, खुमारी चढ़ी है, दिन जो ग़ुजरे हैं, इंतजाम बस दूसरे हैं! बेहतरी की चाह है, हौसलों की थाह... Hindi · कविता 370 Share Amit Kumar 25 Apr 2020 · 1 min read दंगा दम्भ नहीं! दल की दहल; दहशत का दूषित दलदल. दागी-बागी सब हो दाखिल, दायर करते दोषपूर्ण दुकाल. दलाली नेता के दनुज दावँ, दलितों की व दारुण दलील. दलन पसरता दिग-दिगांत,... Hindi · कविता 240 Share Amit Kumar 25 Apr 2020 · 1 min read गाँधी जन्म नहीं, मरण कहाँ; अवतरण-अमरत्व था, उन अड़चनों के बनिस्बत वजनी नायकत्व था। एक धोती, एक लकुटी, एक ऐनक मिल्कियत, पदवियों की लड़ी से ज्वलित उसकी शख्सियत। उसकी हरेक पुकार... Hindi · कविता 194 Share Amit Kumar 25 Apr 2020 · 1 min read चुनाव चुनाव! हटो, बगल हो, जाने दो, चुनाव आया है. गाजे-बाजे की चिल्ल-पों, झंडों के मार्का तमाम, पुख़्ते वादों का जामा ओढ़ मैला छलाव आया है. हटो.. पाँच बरस है सरक... Hindi · कविता 360 Share Amit Kumar 25 Apr 2020 · 1 min read केश केश ---- एक दुनिया ऐसी है जहाँ केश शायर के जुल्फ ही नहीं. उनका ढंग अलग है,मायने भी. बाँयी ओर माँग खोलने वाले होते हैं वामपंथी, वहीं दक्षिणी कंघी करते... Hindi · कविता 545 Share Amit Kumar 25 Apr 2020 · 1 min read बारिश बारिश के मोतियाँ बरसा, आसमान चूमता है धरती; लाज के मारे धरती, हो दिखती पानी-पानी। नदी लगाती वेग की बिंदी, पेड़ों ने चढ़ाई हरी कमीज, पहाड़ के दिल पर नमी... Hindi · कविता 270 Share Amit Kumar 25 Apr 2020 · 1 min read व्यथा ईंटों की किस्मत भली जो माथे पर लदी गयी, गोद में आने को बच्चा कुनमुनाकर सो गया। बहुत भार था डलिये में, रूह तक रौंदी गयी, बाबू ठेकेदार इसे चन्द... Hindi · कविता 416 Share