Amber Srivastava Tag: ग़ज़ल/गीतिका 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Amber Srivastava 5 Oct 2017 · 1 min read आँखे शर्मिंदा है। मरते ज़मीरो को देख आँखे शर्मिंदा है, नापाक सही किरदार मेरा ज़िन्दा है। फ़स जाता है परिंदा मासूम सा कोई, लगाते किस हुनर से जो ये फंदा है। बिकते है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 353 Share