अमर पंकज (डाॅ अमर नाथ झा) 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अमर पंकज (डाॅ अमर नाथ झा) 12 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल क़ातिल तेरी अदाएँ शातिर वो मुस्कुराना पहलू में है छिपा खंजर वैसे दिल मिलाना कुछ तो मिज़ाज खुद का बाक़ी असर तुम्हारा ऐसे खुशी में झूमे अब बन गया फ़साना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 246 Share अमर पंकज (डाॅ अमर नाथ झा) 12 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल दुनिया के सब रिश्ते देखे टूटे दिल भी जुड़ते देखे। मन का मैल धुला जब जब भी ठंडे जिस़्म पिघलते देखे। गूँजी मन में शहनाई जब दिल से राग निकलते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 335 Share अमर पंकज (डाॅ अमर नाथ झा) 12 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल क्या सुनाऊँ वक़्त ने मुझसे कहा जो हर सितम हर वक़्त अपनों का सहा जो बंद दरिया का मचलना हो गया क्यों पूछता वह मौज में सब दिन बहा जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 183 Share अमर पंकज (डाॅ अमर नाथ झा) 12 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल जिस्म फ़िर से कुहरता चला जा रहा क्या अँधेरा पसरता चला जा रहा लोग रोते हमेशा मुकद्दर पे जो वक़्त उनका ठहरता चला जा रहा रोशनी की जरूरत पड़ी आज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 449 Share अमर पंकज (डाॅ अमर नाथ झा) 12 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल क़ातिल तेरी अदाएँ शातिर वो मुस्कुराना पहलू में है छिपा खंजर वैसे दिल मिलाना कुछ तो मिजाज़ अपना बाक़ी असर तुम्हारा ऐसे खुशी में झूमे के बन गया फ़साना फ़ितरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 202 Share