Kalamkash 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kalamkash 29 Oct 2024 · 1 min read अपने उरूज-ओ-ज़वाल को देख, अपने उरूज-ओ-ज़वाल को देख, है ज़िन्दगी क्या ये सोचता हूँ, खुदसे क़लह है, ख़लिश है ऐसी, खुद चेहरा अपना नोचता हूँ। Hindi · Poem · Quotation · कविता · ग़ज़ल · दोहा 35 Share Kalamkash 24 Sep 2024 · 1 min read मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं, मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं, कहता हूँ इस जहाँ से मुझे दर्द चाहिए Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा · लेख · शेर 64 Share Kalamkash 22 Sep 2024 · 1 min read पीता नहीं मगर मुझे आदत अजीब है, पीता नहीं मगर मुझे आदत अजीब है, कहता हूँ मैं जहाँ से, मुहब्बत अजीब है Hindi · कविता · ग़ज़ल · दोहा · लेख · शेर 35 Share Kalamkash 17 Aug 2024 · 1 min read यह शोर, यह घनघोर नाद ना रुकेगा, यह शोर, यह घनघोर नाद ना रुकेगा, बरसों से बहुत चुप्पी इस देश में थी। सब छोटी-बड़ी आवाज़ों को था दबाया जाता, पर नहीं यह आवाज़ें अब से दबेंगी।। Quote Writer 52 Share Kalamkash 21 Jul 2024 · 1 min read फिर एक आम सी बात पर होगा झगड़ा, फिर एक आम सी बात पर होगा झगड़ा, सो, सारे तअल्लुक भुला दीजे जानाँ Hindi · Hindi Urdu · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · लेख · शेर 1 66 Share Kalamkash 7 Jul 2024 · 1 min read एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो, एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो, राहत जो नहीं रोग से गर फिर तो कज़ा हो। मैं जानता हूँ ये जो शब-ए-ग़म की कसक है, है चाह तुझे... Hindi · Hindi Urdu · Urdu Poetry · Urdu Shayri · Urduadab · Urduhindipoetryghazal 65 Share Kalamkash 27 Jun 2024 · 1 min read तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ, तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ, बहतर है की हाल को बेहाल छोड़ा जाए, जो गर उसूल-परस्ती बढ़ जाए सब हदों से, बहतर होगा की सब उसूलों को... Hindi · Shayar · Urdu Poetry · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 98 Share Kalamkash 19 Jun 2024 · 1 min read है हर इक ख्वाब वाबस्ता उसी से, है हर इक ख्वाब वाबस्ता उसी से, मुहब्बत है शुरू होती यहीं से। तबीयत आज कुछ अच्छी नहीं है, है शायद हाल ये तेरी कमी से। है हर इक शक्स... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीतिका · लेख · शेर 2 62 Share Kalamkash 8 Jun 2024 · 1 min read ज़िंदगी यूँ तो बड़े आज़ार में है, ज़िंदगी यूँ तो बड़े आज़ार में है, हाँ! मगर जो तू है तो किस बात का ग़म? तू है, तो हैं इश्क के नग़में अमर सब, पर तू ना हो... Quote Writer 2 76 Share Kalamkash 4 Jun 2024 · 1 min read रंज-ओ-सितम से दूर फिरसे इश्क की हो इब्तिदा, रंज-ओ-सितम से दूर फिरसे इश्क की हो इब्तिदा, कोई ख़लिश ना हो जहाँ, कोई ख़लल ना हो जहाँ, सब रंजिशों से दूर हों, सब बंदिशों से दूर हों, कोई कशिश... Quote Writer 1 141 Share Kalamkash 30 May 2024 · 1 min read तज़्किरे महक रही हैं ये सबायें, खिल उठे है गुंचे फिर, मचल रहा है फिर चमन, मचल रही हैं इशरतें, बहार बन के आयी हैं निशात ज़िन्दगी में फिर, है लगता... Hindi · Hindi Urdu · Nazm · Urdu Poetry · कविता · लेख 89 Share Kalamkash 28 May 2024 · 1 min read ज़ौक-ए-हयात में मिला है क्यों विसाल ही, ज़ौक-ए-हयात में मिला है क्यों विसाल ही, ये गर्दिशें बता भला जाएँगी अब कहाँ? ना हो रहा खलल है ज़माना भी इश्क में, ये बंदिशें बता भला जाएँगी अब कहाँ? Hindi · Hindi Urdu · Urdu Poetry · Urduadab · Urduhindipoetryghazal · ग़ज़ल 1 87 Share Kalamkash 22 May 2024 · 1 min read जब व्यक्ति वर्तमान से अगले युग में सोचना और पिछले युग में जी जब व्यक्ति वर्तमान से अगले युग में सोचना और पिछले युग में जीना शुरू कर देता है, तब वह कविता करने लगता है...✍️ Hindi · Hindi Motivational Quotes · कविता · लेख 1 88 Share