Karan Kovind 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Karan Kovind 14 May 2023 · 1 min read लहर तारा सहस्त्रो से अस्त्रो से नदी खेत भरे कजरी के मौन लहलहाते बाली के नीले वस्त्रो से धूप छनकर रात ढलकर रूप खिलकर निहारती सभा को बारिश का घूंट पीकर तीर... Poetry Writing Challenge · करन कोविंद · खेत खलिहान · गर्मी · लहर तारा 1 171 Share