कवि आदित्य मौर्य Tag: मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि आदित्य मौर्य 2 Oct 2018 · 1 min read ख़्वाब उन के छत पर चढ़ कर रोज, वो मुझे इशारा करती थी परदे के पीछे छुप कर, वो मुझे निहारा करती थी। सुन ना ले कोई दूजा, हम दोंनो की प्यारी बातें... Hindi · मुक्तक 1 391 Share