आदर्श कुमार 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid आदर्श कुमार 16 Nov 2018 · 1 min read उमस जिंदगी ना हुई सुबह, ना ढल रही है शाम देखते है ये जिंदगी, लेगी कब तक इम्तिहान जो उठ ना सके हारा हुआ इंसान इस जिंदगी के बोझ में न जाने... Hindi · कविता 1 232 Share आदर्श कुमार 20 Aug 2018 · 1 min read प्यारी माँ सोती है देर से, तुझसे पहले जग जाती जग कर तेरे लिए भोजन है पकाती तुझको नहला धुला कर स्कूल भी पहूँचाती सारे काम करने के बाद घर के कामो... Hindi · कविता 2 2 287 Share