Abhinav Yadav 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Abhinav Yadav 25 Apr 2021 · 1 min read प्यार में धूप जो अपना था, वो सब पराया था, हम पत्थर से दिल लगाए थे। जितनी कसमे थी, सब थी शर्मिंदा, जितने वादे थे, सर झुकाये थे। जितने आंसू थे, सब थे... Hindi · कविता 1 353 Share