Abhilasha Chauhan 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Abhilasha Chauhan 6 Jun 2021 · 1 min read सावन सुहावना सा मनहरण घनाक्षरी सावन सुहावन सा,लगे मनभावना सा, काले काले मेघ आए,देख सुख पाइए। मयूर मगन नाचे,पपीहा के बोल साँचे, कोयल के गीत भाए,झूम झूम जाइए। होती बरसात भली,खिल उठे कली-अली,... Hindi · घनाक्षरी 504 Share Abhilasha Chauhan 3 Jun 2021 · 1 min read ये बरसात ही है घिरते काले मेघ झूमे विटप धरा मुस्कराई पात-पात पर यौवन ले रहा है अंगड़ाई नवजीवन का सृजन करती बरसात धुले-धुले लगे जलजात कृषक नाचे बजी घर शहनाई कृषक पत्नी की... Hindi · कविता 351 Share Abhilasha Chauhan 2 Jun 2021 · 1 min read बरसात के दिन बरसात के दिन लगे सुहाने से, मेघ भी लगे अब आजमाने से। गिरती बिजलियों की बात न पूछो, बाज कब आए वे हमें डराने से। तन-मन पर छा जाता है... Hindi · कविता 1 709 Share Abhilasha Chauhan 18 Aug 2019 · 4 min read अनूठी मिसाल भारतीय वायुसेना के गरूण कमांडो ज्योति प्रकाश निराला पूरे एक साल बाद एक महीने की छुट्टी पर घर आए थे। माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं था और बहनें तो... Hindi · कहानी 1 527 Share Abhilasha Chauhan 12 Dec 2018 · 1 min read नदी की व्यथा मैं सरिता पावन निर्मल, बलखाती बहती अविरल। करती रही धरा को सिंचित, भेद किया न मैंने किंचित। निर्मल सुन्दर मेरी धारा, स्नेह लुटाती रहती सारा। व्यथित बहुत हूं मैं इस... Hindi · कविता 2 724 Share Abhilasha Chauhan 18 Nov 2018 · 1 min read कहीं -अनकही कुछ कही अनकही बातें, अंतरतम में, सदा मचाती शोर है। उत्ताल तरंगें भावों की, लहराती पुरजोर हैं। अनुभूति की अभिव्यक्ति में, मुझको आता जोर है। मेरे मन की मैं ही... Hindi · कविता 2 3 317 Share Abhilasha Chauhan 3 Nov 2018 · 1 min read हूँ मैं एक अबूझ पहेली भीड़ से घिरी लेकिन बिल्कुल अकेली हूँ मैं हां, एक अबूझ पहेली हूंँ मैं कहने को सब अपने मेरे रहे सदा मुझको हैं घेरे पर समझे कोई न मन मेरा... Hindi · कविता 7 4 377 Share Abhilasha Chauhan 1 Nov 2018 · 1 min read **माँ** मांँ, तू जीवन दात्री, तू ही है भगवान, मुझमें नहीं शक्ति करूं तेरा गुणगान। मांँ, तू ममता की मूरत अतुल्य अनुपम, किसी भी हाल में तेरी ममता न हो कम।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 54 1k Share Abhilasha Chauhan 1 Nov 2018 · 1 min read दास्तां ए दर्द दास्तां ए दर्द कुछ टूट गया कुछ छूट गया रब रूठ गया सब छूट गया रिश्ता दिल का दिल से ही था तुम जब से गए दिल टूट गया दिल... Hindi · कविता 2 423 Share Abhilasha Chauhan 31 Oct 2018 · 1 min read मैं वीणा हूँ संगीत हो तुम साथी जबसे तुम मेरे बने, साथ बुने हमने सपने। नयनों ने प्रेम-पुष्प चुने, भावों के सुंदर हार बने। मेरे जीवन का श्रृंगार हो तुम, हर सफर में साथ रहेंगे हम।... Hindi · कविता 2 1 586 Share