आचार्य सदानन्द पाल Tag: मुक्तक 29 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid आचार्य सदानन्द पाल 16 Jul 2021 · 1 min read तन्हाई और बहाने सुना है, तुम इधर तन्हा-तन्हा रहती हो, जब मिलता हूँ, तब 'इंगेज़' हो- का बहाना बनाती हो। Hindi · मुक्तक 1 328 Share आचार्य सदानन्द पाल 13 Jul 2021 · 1 min read तुम्हारे आने से नफरत है मुझे तुम्हारे जाने से नफ़रत नहीं है, अपितु तुम्हारे आने से नफ़रत है ! Hindi · मुक्तक 1 251 Share आचार्य सदानन्द पाल 27 Jun 2021 · 1 min read दुश्मनकथा मेरे दुश्मन तो मेरे दोस्त कभी नहीं बनेंगे ! ...और जो दोस्त हैं, उसे मेरी बेबाकी से मेरे दुश्मन बनने में देर नहीं लगती ! Hindi · मुक्तक 1 244 Share आचार्य सदानन्द पाल 20 Jun 2021 · 1 min read देश से ऊपर कोई नहीं देश से ऊपर कोई नहीं, न धर्म है, न जाति, न दोस्त, न परिवार न मैं ! Hindi · मुक्तक 1 636 Share आचार्य सदानन्द पाल 17 Jun 2021 · 1 min read खुद को बनाए रखना हम आज भी खुद को बनाए रखने के लिए कई प्लेटफॉर्म और अवैचारिक लोगों से लड़ाई लड़ रहे हैं ! Hindi · मुक्तक 1 227 Share आचार्य सदानन्द पाल 15 Jun 2021 · 1 min read घमौरीवाली दिन-रात आजकल 'दिन' बारिश और घमौरीवाली गर्मी से फिर 'रात' बिजली कटने से अंधकार, मच्छर, जलताप की किचकिच से कट रहे हैं. प्रकृति माने मजा या सजा ! Hindi · मुक्तक 238 Share आचार्य सदानन्द पाल 12 Jun 2021 · 1 min read ब्लैक एंड व्हाइट मेरे पास न्यूज़ सुनने के लिए सिर्फ़ रेडियो है । ब्लैक एंड व्हाइट टीवी है, पर तीन सालों से खराब है । चार अखबारें आती थी, आज भी नहीं आई... Hindi · मुक्तक 1 390 Share आचार्य सदानन्द पाल 12 Jun 2021 · 1 min read पहाड़ भी करवट बदलते हैं कौन ? कब ? किस करवट बैठे ? पता नहीं ! हाँ, यह ऊंट नहीं, पहाड़ है, भाई ! क्या इनसे टकराओगे ? Hindi · मुक्तक 1 559 Share आचार्य सदानन्द पाल 11 Jun 2021 · 1 min read मैं चश्मा नहीं लगाता ! मैं 'दूसरे' के चश्मे से 'तीसरे' का मूल्यांकन नहीं करता और फिर खुद 'मैं' चश्मा नहीं लगाता ! Hindi · मुक्तक 1 350 Share आचार्य सदानन्द पाल 10 Jun 2021 · 1 min read रुपये की मरीचिका रुपये की गर्मी हो तो अहंकार आ जाता है और जब अहंकार आता है तो बदतमीजी साथ लेकर आता है ! Hindi · मुक्तक 1 267 Share आचार्य सदानन्द पाल 3 Jun 2021 · 1 min read गरीबों का फ्रीज़ सुराही माने गरीबों का फ्रीज़ 'सुराही' में होता है, शीतल जल। यह कितने लोगों के पास है? इसे बनानेवाले 'कुम्हारों' की सुधि कितने ने ली? यथावत प्रश्न ? Hindi · मुक्तक 2 1 261 Share आचार्य सदानन्द पाल 2 Jun 2021 · 1 min read 2 जून की रोटी आज 2 जून है। मुझे तो 2 जून की रोटी ही मिल जाय, तो काफी है। किसी को इनसे ज्यादा चाहिए, तो वैसे व्यक्ति दूसरे की हकमारी करते हैं ! Hindi · मुक्तक 2 272 Share आचार्य सदानन्द पाल 1 Jun 2021 · 1 min read अफसोस लेकिन रोहित जी ! यही तो बदकिस्मती है, इसे आप अंग्रेजी में कह रहे हैं कि 'हिंदी इज़ माई नेशनल लैंग्वेज' ! Hindi · मुक्तक 2 252 Share आचार्य सदानन्द पाल 1 Jun 2021 · 1 min read अश्रुपूरित सिंचाई हाँ, तुमने जो पाया, वो मेरे लिए पाया। पर तुमने जो खोया, वो मेरे लिए खोया। पाने-खोने के बीच आँसू सींच-सींच खेतों की सिंचाई किया मैंने ! Hindi · मुक्तक 2 213 Share आचार्य सदानन्द पाल 1 Jun 2021 · 1 min read हमारे विरुद्ध बदलाव किसी चिह्नित तारीख पर निर्भर नहीं होते हैं ! बदलाव कभी अच्छे होते हैं, तो कभी हमारे विरुद्ध भी.. Hindi · मुक्तक 2 412 Share आचार्य सदानन्द पाल 31 May 2021 · 1 min read बेकरार सरकार अपनी 'कार' त्यागकर, बसों या ट्रेनों में सफर करें, तो किसानों को 'तेल' मुफ्त में प्राप्त होंगे ! तभी 'सरकार' बरकरार और बेकरार रहेगी ! Hindi · मुक्तक 2 295 Share आचार्य सदानन्द पाल 31 May 2021 · 1 min read दिल से दिल तक दिल से दिल तक, मित्र से मित्र तक सुप्रभात से स्वप्निल रात्रि तक "तुम ही तुम" ! Hindi · मुक्तक 2 266 Share आचार्य सदानन्द पाल 30 May 2021 · 1 min read अच्छा पोस्ट असंख्य तारों की रोशनी मिल भी, एक 'चाँद' को फीका नहीं कर सकते ! अनगिनत लाइक्स, कमेंट्स, एटसेटरा मिलकर भी बिनलाइक के एक 'अच्छा' पोस्ट को मिटा नहीं सकते! Hindi · मुक्तक 2 197 Share आचार्य सदानन्द पाल 30 May 2021 · 1 min read गाँधीजी का चश्मा गाँधी जी ने विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर रखे थे, किन्तु 'चश्मा' लगाए रखे ! कोई बतायेंगे, यह चश्मा 'स्वदेशी' था या 'विदेशी' ! Hindi · मुक्तक 2 285 Share आचार्य सदानन्द पाल 30 May 2021 · 1 min read क्लोज़अप ठहाके दोस्तों के बीच सिर्फ़ उम्दा ठहाके लगा लेता हूँ, बचपना तो मेरी बचपन में ही चल बसी ! पटाखे कई दशक से बंद है। Hindi · मुक्तक 2 229 Share आचार्य सदानन्द पाल 30 May 2021 · 1 min read माँ का सम्पूर्ण जीवन माँ का सम्पूर्ण जीवन घर की एक-एक पुरानी चीजों में फैली पड़ी है ! आप कितनी चीजों को 'सहेज' पाओगे ! Hindi · मुक्तक 2 304 Share आचार्य सदानन्द पाल 30 May 2021 · 1 min read बेनामी पाप गलत तरीके से संपत्ति अर्जित करनेवालों को कोरोनाकाल में इन संपत्तियों को आपदा राहतकोष में जमाकर बेनामी पाप से छुटकारा पा लेना चाहिए ! Hindi · मुक्तक 2 223 Share आचार्य सदानन्द पाल 30 May 2021 · 1 min read पासंग रिश्ते नामक तराजू में विश्वास का बटखरा तो है, परंतु उनमें धोखे का पासंग भी जुड़ा है ! Hindi · मुक्तक 2 407 Share आचार्य सदानन्द पाल 29 May 2021 · 1 min read ए बी सी देश का एक विशिष्ट वर्ग हमेशा ही 'सी' पार्टी के साथ रहे हैं, 'बी' के साथ सपने में भी साथ नहीं है, जबकि 'ए' के साथ जाने में डरते हैं... Hindi · मुक्तक 4 2 549 Share आचार्य सदानन्द पाल 29 May 2021 · 1 min read चट मंगनी, पट ब्याह चाइनीज़ या विदेशी फ़ास्टफूड से बेहतर है यह स्वदेशी 'फूड' यानी ठेकुआ, निमकी, कचौड़ी और मिलाइके रपेट ल 'सोयाबीन-अल्लू' की झोड़वाली सब्जी संगे हो ! यानी चट मंगनी पट ब्याह... Hindi · मुक्तक 1 292 Share आचार्य सदानन्द पाल 29 May 2021 · 1 min read कुछ रिश्ते कुछ रिश्ते ऑफिशियली होते हैं, जो जोइनिंग और डेपुटेशन लेटर लेकर आते हैं तथा विरमित एवं ट्रांसफर होकर चले जाते हैं ! Hindi · मुक्तक 1 243 Share आचार्य सदानन्द पाल 29 May 2021 · 1 min read शब्द का फेर शब्द से खुशी, शब्द से गम; शब्द से पीड़ा, शब्द ही मरहम ! शब्द चाहे जैसे हो.. मन को खुश करे तो अर्थ है; वरना व्यर्थ है ! Hindi · मुक्तक 1 647 Share आचार्य सदानन्द पाल 29 May 2021 · 1 min read दिल पे मत ले यार कि लोगों की बातें दिल पे नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि 'दही' को 'खट्टा' जानकर भी लोग पूछते हैं- मीठा है न.... और 'चीनी' डालकर इसे सुड़क जाते हैं ! Hindi · मुक्तक 1 230 Share आचार्य सदानन्द पाल 28 May 2021 · 1 min read इनवाइट कैंसिल चार दिनों के लिए चूल्हे नहीं जल पाएगी ! आज दोपहर का भोजन है, बासी-चबासी ! ऊहापोह में हूँ , आपको खाने को बुलाऊँ या.... Hindi · मुक्तक 2 250 Share