डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' Tag: दोहा 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 16 Oct 2021 · 1 min read दोहा छंद जीव-मरण का चक्र है ये, क्यों तू शोक मनाए। क्षण का ज्यों भान न बंदौ, फिर क्यों टूटा जाए।। विषम भाव क्यों राखिये, जो विष होत समान। भेद विषम मिटे... Hindi · दोहा 7 5 569 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 15 Feb 2017 · 1 min read ****नीरू के दोहे**** रस की अनुभूति*** १. ****नीरू वाणी बाल की , ****सुन मिठास भर जाए | ****ज्ञान की ज्योति चाहु ओर, ****बिन प्रयास बिखर जाए | २. नीरू सुनत अचंभित ,**** वाणी बाल की आज... Hindi · दोहा 1 629 Share