ज़ैद बलियावी Tag: कविता 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ज़ैद बलियावी 6 Jul 2023 · 1 min read "रात यूं नहीं बड़ी है" रात यूं नहीं बड़ी है, तेरे इंतज़ार की घड़ी है, वो चांद सा है चेहरा लब फूल की लड़ी है, वो पंखुड़ी सी पलके और झील सी है आंखे, मैसम... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 2 1 193 Share ज़ैद बलियावी 11 Jan 2021 · 1 min read "कोरोना" यही अंजुमन और यही शजर सा लगता है.. अब अपना आशियाना बे-घर सा लगता है.. वक्त ने डुबोया है ऐसी महामारी में हमें.. कि अब इंसान को इंसान से डर... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 18 684 Share ज़ैद बलियावी 1 Nov 2018 · 1 min read (((( माँ )))) जब बिन बोले माँ से, कही देर तलक रह जाते हैं! जब अपने मित्रो के संग कही, मस्ती मे खो जाते हैं! जब घर पहुँचने को हमे, जरा देरी से... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 52 1k Share ज़ैद बलियावी 26 Aug 2018 · 1 min read "सियासत और हिन्दू-मुस्लमान" नफरत की आग लगाकर फिर.. हिंदुस्तान बचाने चल दिए.. वो राम बचाने चल दिए.. हम ईमान बचाने चल दिए.. खून के प्यासे होकर हम.. काट के गर्दन,एक-दुजे की.. वो शमशान... Hindi · कविता 2 409 Share ज़ैद बलियावी 19 Apr 2018 · 1 min read "चीख रही क्यु बेटी है" चीख रही क्यु बेटी है... चीख रही अब बेटी है.. हर गली,मुहल्ला,गाँओ-शहर मे.. पीस रही क्यु बेटी है... चीख रही क्यु बेटी है.. चीख रही अब बेटी है.. खुन-पसिना देकर... Hindi · कविता 1 382 Share ज़ैद बलियावी 27 Aug 2017 · 1 min read "वो पगली" चेहरे पर खामोशी सी, दिल मे उठता है तुफान है., बस वो पगली मेरे प्यार से, बिल्कुल ही अनजान है., जिनकी एक मुस्कान पर मेरे, दिल मे पड़ती जान है.,... Hindi · कविता 1 428 Share ज़ैद बलियावी 15 Aug 2017 · 1 min read "एक समय भारत मे" बड़े ज़ुल्मो-सितम वो लाए थे, जो व्यपार बहाने आए थे., रग-रग् मे उनके लालच थी, और सदियों गुलाम बनाए थे., फिर बगावत का आरम्भ हुआ, सन् 57 मे युद्ध प्रारम्भ... Hindi · कविता 1 428 Share ज़ैद बलियावी 1 Aug 2017 · 1 min read "वो लड़की" स्कूल की छुट्टी के बाद से जब, हम अपने घर को आते थे., कदम-कमद पर मेरे पाँव, कही...ठहर से जाते थे., जब अपने सखियों के साथ वो, मेरे तलक पहुँच... Hindi · कविता 1 1k Share ज़ैद बलियावी 7 Jul 2017 · 1 min read "शब्द माँ" बड़ा मुख़्तसर स शब्द है "माँ", जो गहराइयो मे उतरा तो आँखे खुल गई! दर-बदर भटका मैं जिसे पाने को, वो जन्नत मेरे माँ के कदमो मे मिल गई!! और... Hindi · कविता 1 375 Share ज़ैद बलियावी 19 Jun 2017 · 1 min read "मेरे पिता" होश हम अपने खोने लगे थे, सोच कर ये रोने लगे थे! थामकर उंगलिया चलना सिखाया जिसने मुझे, जब वो दुनिया से रुक्सत होने लगे थे!! कैसे सहा जाता वो... Hindi · कविता 1 718 Share ज़ैद बलियावी 14 Jun 2017 · 1 min read "मैं तो बस किसान हूँ साहब" न हिन्दू न मुसलमान हूँ साहब, मैं तो बस किसान हूँ साहब.! खेत सूखे है बच्चे भूखे है, ग़मो का मारा इंसान हूँ साहब,, मैं तो बस किसान हूँ साहब.!... Hindi · कविता 1 1 771 Share ज़ैद बलियावी 5 May 2017 · 1 min read "आक्रोश" इस तरह से ग़मो मे, डूबा हूँ मैं! जैसे दुनिया के हर शख्स से, रुठा हूँ मैं! आँसुओ से लिखने को, मैं सरहदों का दर्द, फिर से कलम लेकर, एक... Hindi · कविता 1 880 Share ज़ैद बलियावी 27 Apr 2017 · 1 min read एक जवान की पीढ़ा काटा जो सर दुश्मन ने, तो जीते थे हम शान से,, अपनो से जो सिला मिला, फिर जीना पड़ा अपमान से,, जिनकी सुरच्छा को सीमा पर, हम लड़ते अपनी जान... Hindi · कविता 1 387 Share ज़ैद बलियावी 11 Apr 2017 · 1 min read "गाँव चले हम" चलो चले हम, गाँव चले हम! आओ चले हम, गाँव चले हम! ये झुटी नगरी, छोड़ चले हम! ये झुटे सपने, तोड़ चले हम! चलो चले हम, गाँव चले हम!... Hindi · कविता 1 1k Share ज़ैद बलियावी 8 Apr 2017 · 1 min read "स्कूल के दिन" बीते दिनों को सोचकर, हम पछताने लगे,, जब याद मुझे अपने, गुज़रे हुए दिन आने लगे! फिर सम्भल कर उस वक़्त को, हम भुलाने लगे,, तब तक आँखो से मेरे,... Hindi · कविता 1 993 Share ज़ैद बलियावी 29 Mar 2017 · 1 min read "गाँव की यादे" बैलगाड़ी की सवारी याद आती है, मुझको गाँव की कहानी याद आती है! कट गए बाग उजड़ गए जंगल, याद है मुझको अपने गाँव का दंगल! वो ईद की सेवइया... Hindi · कविता 1 867 Share ज़ैद बलियावी 24 Mar 2017 · 1 min read ये गन्दी राजनीति ये झूटे वादे रहने दो, ये झूटी वर्दी रहने दो,, हम आंसू पीकर भी चैन से जीते, तुम अपनी हमदर्दी रहने दो,, बड़ी फैलाई नफरत तुमने, जात-धर्म के नाम पर,... Hindi · कविता 1 2k Share ज़ैद बलियावी 20 Feb 2017 · 1 min read किसानो की आवाज़ न चाहते हूए भी ऐसी बात लिख रहा हु, दर्द मे डूबकर जज़्बात लिख रहा हूँ! हमने देखा है देश मे जो किसानो का हाल, बनकर हमदर्द मैं उनकी आवाज़... Hindi · कविता 1 979 Share ज़ैद बलियावी 20 Jan 2017 · 1 min read माँ (((((( माँ )))))) ________________________ जब बिन बोले माँ से, कही देर तलक रह जाते है! जब अपने मित्रो के संग कही, मस्ती मे खो जाते है! जब घर पहुचने को... Hindi · कविता 1 804 Share