Vijendra Singh Tag: ग़ज़ल/गीतिका 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Vijendra Singh 29 Jan 2017 · 1 min read बरसों मीनाकारी की वक़्त ने इंसानों के हक़ में , ये कैसी ग़द्दारी की सादालौही सीख रही है, कुछ बातें अय्यारी की बाज़ारों तक आते - आते ज़ंग लगा बेकार हुआ हमने लोहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 1k Share