कवि विजय सोनी 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि विजय सोनी 27 Jan 2017 · 1 min read हौसले जब भी आजमाए हैं हौसले जब भी आजमाए हैं आंधियो में दिए जलाए हैं आज सौदा यहीँ कहीं होगा खूब दौलत वो साथ लाए हैं गैर मुल्को में कोई इनका है जिसके झंडे ये... Hindi · कविता 1 1 265 Share कवि विजय सोनी 27 Jan 2017 · 1 min read अश्क बनकर निकल गया कैसे ~~~~~~ ग़ज़ल ~~~~~~~ यूँ मुकद्दर बदल गया कैसे / हाथ से वो निकल गया कैसे // मेरी आँखों में बस गया फिर क्यूँ / अश्क बनकर निकल गया कैसे //... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 258 Share