Varsha Jain 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Varsha Jain 13 Oct 2017 · 1 min read मुझ में तुम हो तुम में मैं हूँ दिल के कोने में हसरतों को छिपा कर न रखना बातें जो भी हों उसे साझा जरूर करना बड़ी तकलीफ देती हैं अनकही बातें तुम इस बात को जरा समझना... Hindi · कविता 1 1 316 Share Varsha Jain 8 Oct 2017 · 1 min read शब्द मन की अभिव्यक्ति का सहज माध्यम होते हैं शब्द कटु कठोर और कड़वे हों तो चुभते हैं शब्द बिगड़ते रिश्तों को बनाते और बनते रिश्तों को बिगाड़ देते हैं शब्द... Hindi · कविता 712 Share Varsha Jain 28 Sep 2017 · 1 min read जवानी अनकहे अहसासों की गुदगुदाती कहानियाँ अनजान छुअन से जग उठने वाली सिहरन बार-बार खुद को सवांरने की तलब बात-बात में कातिल मुस्कान की चमक कपोलों पर लटकते जुल्फों के छल्ले... Hindi · कविता 1 1k Share Varsha Jain 26 Sep 2017 · 1 min read अजन्मी चीख नवरात्री में पूजी जाती है दुर्गा नारी के नौ रूप में विराजती है दुर्गा नवरात्री में ही पूजी जाती है कन्या फिर क्यों कोख में मारी जाती है कन्या उसका... Hindi · कविता 490 Share Varsha Jain 26 Sep 2017 · 1 min read बचपन विश्वास भरे कदमों की आहट है "बचपन" जिज्ञासा भरी सोच का नाम है "बचपन" निश्वार्थ, निर्मल मन की उत्तम परिभाषा है "बचपन" छल, द्वेष, दम्भ, पाखंड से परे है "बचपन"... Hindi · कविता 655 Share Varsha Jain 26 Sep 2017 · 1 min read अमर नाथ हमला.....एक विनम्र श्रद्धांजलि हे भोलेनाथ हे अविनाशी हे आशुतोष हे भालचंद्र ये कैसा विध्वंश छाया है तेरी ही बनाई धरती पर तेरे ही बनाये लोगो ने कहर ये कैसा ढाया है तू स्वयं... Hindi · कविता 394 Share Varsha Jain 25 Sep 2017 · 1 min read प्रियतम मेरे एकाकी जीवन में बनकर आये बहार हरितम प्रीतम तुम घेर दिया एक सिंदूरी परिधि में और सिंदूरी हो गया मेरा जीवन मुझ पर पड़ी बारिश की बूँदे तुमसे मिलकर... Hindi · कविता 1 884 Share Varsha Jain 24 Sep 2017 · 1 min read वजूद एक ही पटरी पर दौड़ती जिंदगी रोजमर्रा की जद्दोजहद से गुजरती जिंदगी खो सा गया है अस्तित्तव कहीं औरत हूँ बस यह याद है..... स्वतंत्र वजूद कहीं खो सा गया... Hindi · कविता 511 Share