Tej Pratap Singh 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Tej Pratap Singh 31 Jul 2017 · 1 min read खुरदरी सतह बचपन में फर्श की वो खुरदरी सतह जब फिसलना रोक दे जाया करती थी। हमारी नाक उसपल सिकुड़ जाया करती थी। मुहँ बिगड़ जाता था जब वो हमे ऐसे सताया... Hindi · कविता 251 Share Tej Pratap Singh 15 Jul 2017 · 1 min read बारिश जब भी बारिश आती है। किसी को झूमने को मजबूर कर जाती है, किसी में घूमने की ललक जगा जाती है। खुशमिजाज गाना गाने लगते हैं, उदास भी मुस्कुराने लगते... Hindi · कविता 777 Share Tej Pratap Singh 5 Jul 2017 · 1 min read आ रहा हूँ मैं गर शक है मुझ पर की कहाँ जा रहा हूँ मैं, थोडा सब्र रख ले जिंदगी बस आ रहा हूँ मैं। चला था समंदर पार करने मैं, ज्वार भाटा में... Hindi · कविता 451 Share Tej Pratap Singh 4 Jul 2017 · 1 min read अपनेपन, मानवता के फूल और भेदभाव की सोच ना फूल बरस रहे हैं ना बरसाने की चाह बरस रही है बस दिल मई एक अजीब सी आग धधक रही है। असहीशुनाता, असहनशीलता,नस्लियता,भेदभाव और स्वार्थ की चिंगारी से लगी... Hindi · कविता 505 Share