डॉ सुलक्षणा अहलावत Tag: मुक्तक 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ सुलक्षणा अहलावत 7 Aug 2016 · 1 min read एक शे'र दिल के अहसासों को आँखों से कर बयाँ देना, मेरे तन्हा तड़पते लफ़्ज़ों को अपनी जुबाँ देना। एक पल में ही सातों जन्म जी लुंगी तेरे इश्क में, खुदा कसम... Hindi · मुक्तक 1 532 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 5 Aug 2016 · 1 min read मैं खुश थी मिट्टी का कच्चा घर बनाकर ही खुश थी, कागज की कश्ती चलाकर ही खुश थी। कहाँ आ गयी इस समझदारी के दौर में, गुड्डे गुड़ियों की शादी रचाकर ही खुश... Hindi · मुक्तक 1 489 Share