Raj Malpani Tag: ग़ज़ल/गीतिका 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Raj Malpani 17 Feb 2017 · 1 min read मानवता ही एक मात्र धर्म . अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए इंसानियत को जात धर्म में न बनाया जाए आपसी प्रेम इतना गहरा हो पड़ोसी रहे दंग प्रेम और सौहार्द ख़ूब खिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 476 Share Raj Malpani 17 Feb 2017 · 1 min read प्रेम मन से मन का मेल हुआ , प्रीत हर दिल में पले राज ने रानी को देखा , आँखो में अब दीप जले यूँही दिल में प्यार बढे , नयनो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 687 Share