डॉ शिखा कौशिक नूतन Tag: कविता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ शिखा कौशिक नूतन 11 Nov 2018 · 1 min read माँ कोई बला जब हम पर आई ,माँ को खुद पर लेते देखा ! हुआ हादसा साथ हमारे ,माँ को बहुत तड़पते देखा ! ...................................... हो तकलीफ हमें न कोई ,साँझ-सवेरे... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 43 1k Share