Shamshad Shaad 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shamshad Shaad 15 Jun 2017 · 1 min read तमन्नाओं का तेरी अपने दिल को दर बनाता हूँ ... शमशाद शाद की एक लाजवाब ग़ज़ल तमन्नाओं का तेरी अपने दिल को दर बनाता हूँ हसीं यादें सजा कर वस्ल का मंज़र बनाता हूँ मुसव्विर हूँ तसव्वुर को बदलता हूँ हक़ीक़त में जिसे देखा था ख़्वाबों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 364 Share Shamshad Shaad 15 Jun 2017 · 1 min read दिल के दरिया में जो उतरता है .. शमशाद शाद की एक शानदार ग़ज़ल डूबता है न वो उभरता है दिल के दरिया में जो उतरता है एक मेरे सिवा जहां में भला कौन तुझसे निबाह करता है आप ही आप हैं निगाहों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 433 Share Shamshad Shaad 15 Jun 2017 · 1 min read शमशाद शाद की एक खूबसूरत ग़ज़ल चलो चल के उनके सितम देखते हैं शुजाअत का क्या है भरम देखते हैं कन-अँखियों से देखे है हर कोई उस को खुली आँखों से सिर्फ हम देखते हैं निगाहों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 624 Share Shamshad Shaad 15 Jun 2017 · 1 min read ग़ज़ल वो राहे इश्क़ में गर हमइनाँ नहीं होता नसीब मुझपे मेरा मेहरबाँ नहीं होता बयाँ मैं कैसे करूँ तुमसे हाले दिल अपना जिगर का दर्द ज़बां से बयाँ नहीं होता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 340 Share