Manjusha Srivastava Tag: मुक्तक 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manjusha Srivastava 8 Jul 2018 · 1 min read रोटी रोटी (1) मन क्लान्त है दुख शोक से सम्भावनाएँ शून्य हैं | स्पंदन हीन सभी दिखते मनभावनाएँ शून्य हैं | मासूम रोटी को तरसते दर्द को नित सह रहे –... Hindi · मुक्तक 1 441 Share Manjusha Srivastava 7 Jul 2018 · 1 min read मुक्तक 1) सुखद परिवर्तन हो जिस रोज चाँदनी फैलेगी उस रोज प्रेम ,करुणा , ममता विस्तार नवल जग रूप सजे उस रोज || (2) ग्यान की लौ का बड़ा महत्व मुखर... Hindi · मुक्तक 439 Share Manjusha Srivastava 7 Jul 2018 · 1 min read तिरंगा 1) रहे विश्व भर में चमकता तिरंगा | गगन चूम ले यह फहरता तिरंगा | हो सबको मुबारक ये गणतंत्र पावन – बने पथ प्रदर्शक लहडरता तिरंगा | (2) केसरिया... Hindi · मुक्तक 492 Share