संतोष बरमैया जय Tag: कविता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid संतोष बरमैया जय 18 Jun 2023 · 1 min read ले आओ बरसात जंगल झाड़ी सूखी सारी, सूखी सारी घास। काले-काले बादल भैया, ले आओ बरसात।। तपती रहती सड़कें सारी, पगडण्डी की रेत। तेज धूप में मिट्टी फटती, सहमे सारे खेत। जनमानस की... Hindi · कविता 1 816 Share