साहेबलाल दशरिये सरल Tag: ग़ज़ल/गीतिका 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid साहेबलाल दशरिये सरल 21 Sep 2017 · 1 min read ** *गुरु की महिमा*** ** *गुरु की महिमा*** *करो गुरु का मान गुरु ने ज्ञान दिया।* *बना दिया विद्वान गुरु ने ज्ञान दिया।* दिखलाया लाकर बाहर गुमनामी से, दिला दिया पहचान गुरु ने ज्ञान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 584 Share साहेबलाल दशरिये सरल 3 Jul 2017 · 1 min read इंसां हुआ शैतान है मौत का लेकर खड़े सामान है। आजकल इंसां हुआ शैतान है।। क्यों लड़ाते धर्म के ही नाम पर, बाइबिल, गीता वही कुरआन है।। स्वार्थ से दुनिया अटी है दोस्तों, दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 350 Share साहेबलाल दशरिये सरल 19 Feb 2017 · 1 min read सकारात्मक सोच सकारात्मक सोच होना चाहिये। पाजिटिव एप्रोच होना चाहिये।। एक जगह ही हो वजह पर, सतत रोज होना चाहिये।। चाह बनाले नई राह बना ले, हरदम एक खोज होना चाहिये।। कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 315 Share साहेबलाल दशरिये सरल 3 Feb 2017 · 1 min read खड़े रह गए गीतिका बहर- 212 212 212 212 हम खड़े थे खड़े के खड़े रह गए। क्यों अड़े थे अड़े के अड़े रहे गये? राज जो भी कहो राज तो राज था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 262 Share साहेबलाल दशरिये सरल 27 Jan 2017 · 1 min read बोझ गधा ही ढोता क्यों है? शेर नहीं मुँह धोता क्यों है? बोझ गधा ही ढोता क्यों है? मानव मानव का दुश्मन बन बीज जहर के बोता क्यों है? मनमानी मन की रोको तो आपा अपना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 654 Share साहेबलाल दशरिये सरल 27 Jan 2017 · 1 min read भाई जी भाई जी 2222 2222 222 मरते वो इंसान जहां में भाई जी।। रखते ना पहचान जहां में भाई जी।। तोड़ेंगे जंजीर जहर ही जाति' है अपना है अरमान जहां में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 499 Share साहेबलाल दशरिये सरल 26 Jan 2017 · 1 min read बेटी मुक्तक बनी टी टी चली है रेल में भी बेटियां अब तो। सिपाही बन खड़ी है जेल में भी बेटियां अब तो।। धरा को चूमकर माटी वतन की सिर लगाकरके,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 430 Share साहेबलाल दशरिये सरल 25 Jan 2017 · 2 min read ये बेटियां 1 लक्ष्मी काली दुर्गा का अवतार है ये बेटियाँ, शेर पर जो जैसे कि सवार है ये बेटियाँ।। हाथों में लिए तलवार और कटार को, दुष्टों के संहार को प्रहार... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 787 Share