SUDESH KUMAR MEHAR 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid SUDESH KUMAR MEHAR 10 Nov 2016 · 2 min read मैं जब रोता हूँ तनहा सा लिपटकर शब के सीने से मैं जब रोता हूँ तनहा सा लिपटकर शब के सीने से . बिखरने लगते हैं ये अश्क आँखों से करीने से . खयालों में मिरे तुम दौड़कर मुझको बुलाती हो.... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 554 Share SUDESH KUMAR MEHAR 21 Sep 2016 · 1 min read उरी तो टीसेगी मुदद्तों कहीं गहरी ये उरी तो टीसेगी| पीठ पर चली है जो वो छुरी तो टीसेगी | कूटनीति की बातें और कुछ सियासत भी, मालकां तेरी ऐसी चातुरी तो टीसेगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 243 Share SUDESH KUMAR MEHAR 24 Aug 2016 · 1 min read आँखें ही अब बोलती, आँखें ही अब कान.......... उसने ही सब दिया , ये तन मन ये प्राण. उसकी खातिर मिट चलूँ, छोडूं ये पहचान. मेरा मुझमे कुछ नहीं , सब उसकी है रीत. मैं तो उसमे खो... Hindi · दोहा 1 295 Share SUDESH KUMAR MEHAR 24 Aug 2016 · 1 min read मेरा ख्याल तेरी छत पे बिखरने वाला है.... मुझे भुला के कहाँ तू भी बचने वाला है, मेरा ख़याल तेरी छत पे बरसने वाला है. फिजां में रंग ए मुहब्बत बिखरने वाला है. सुना है आदमी इंसान बनने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 307 Share SUDESH KUMAR MEHAR 24 Aug 2016 · 1 min read मुझे ज़िन्दगी तुम पढाते रहोगे..... नज़र मुझसे यूँ ही मिलाते रहोगे, मुझे ज़िन्दगी तुम पढाते रहोगे. तुम्हारे ज़हन में हमेशा रहूंगा, मुझे लिख के तुम जो मिटाते रहोगे ये दुनिया तुम्हारे कदम चूम लेगी, अगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 477 Share SUDESH KUMAR MEHAR 24 Aug 2016 · 1 min read जिंदगी आपकी हंसी सी है... फूल,तितली,कली,परी सी है. ज़िन्दगी,आपकी हंसी सी है. इस कदर यूँ घुली मिली सी है. मैं समंदर हूँ वो नदी सी है. ज़िक्र तेरा हुआ नहीं अब तक इक इबादत कहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 598 Share SUDESH KUMAR MEHAR 24 Aug 2016 · 1 min read प्रीत में तुम सखी ---- प्रीत में तुम सखे स्वस्तिक हो गए ये जहाँ गौण तुम प्राथमिक हो गए. साथ जो तुम चले हाथ में हाथ ले, रास्ते नेह के सात्विक हो गए. था मुखर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 461 Share SUDESH KUMAR MEHAR 24 Aug 2016 · 1 min read होते हैं इश्क में अब देखो कमाल क्या क्या.. होते हैं इश्क में अब देखो कमाल क्या क्या. मेरे ज़बाब क्या क्या उनके सवाल क्या क्या. मुझपे उठा के ऊँगली वो चुप रहा मगर यूँ, उसने उठा दिए हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 274 Share SUDESH KUMAR MEHAR 24 Aug 2016 · 1 min read मुझे मालूम होता ... मुझे मालूम गर होता बसर का।। कभी रुख भी नहीं करता शहर का।। मुझे हाँ कर या बिलकुल ही मना कर; ये क्या मतलब अगर का औ मगर का। हमारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 319 Share SUDESH KUMAR MEHAR 24 Aug 2016 · 1 min read प्यार भी मानसून हो जाए ---- प्यार भी मानसून हो जाये. फरबरी बाद जून हो जाये. तुमको चाहूँ किसी अदा से मैं, इश्क मेरा जूनून हो जाए. झूठ ना बोलना पड़े इतना, ज़िन्दगी में सुकून हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 408 Share SUDESH KUMAR MEHAR 24 Aug 2016 · 1 min read तुम्हारी बेटियां है ... हमें भी खिलखिलाने दो ज़रा सा मुस्कुराने दो. तुम्हारी बेटियां है हम हमें धरती पे आने दो. बहुत मासूम हैं ये बच्चियां पढने पढ़ाने दो. नई फसलें विचारों की दमागों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 385 Share SUDESH KUMAR MEHAR 14 Jul 2016 · 1 min read बहुत खुद्दादार है वो.... बहुत खुद्दार है घुटनों के बल चलकर नहीं आता. वो लिखता है बहुत अच्छा मगर छपकर नहीं आता. मुहब्बत खलवते-दिल में उतर जाती है चुपके से, ये ऐसा मर्ज़ है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 858 Share SUDESH KUMAR MEHAR 14 Jul 2016 · 1 min read हमें धोखा हुआ तितली के पर का........ लड़कपन की हसीं दिलकश डगर का। हमारा प्यार था पहली नज़र का ।। सबब वो शाम का वो ही सहर का। भरोसा क्या करें ऐसी नज़र का।। सिवा मेरे दिखे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 533 Share SUDESH KUMAR MEHAR 14 Jul 2016 · 1 min read उधार नही उतरा है--- क़िताबों मे कभी करार नही उतरा है। जुनूँ था सर पे जो सवार, नही उतरा है। गज़ल कहकर कभी गुबार भले कम कर लो अभी तक बनिये का उधार नही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 505 Share