SHASHIKANT SHANDILE Tag: ग़ज़ल/गीतिका 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid SHASHIKANT SHANDILE 3 May 2022 · 1 min read जिंदगी में कभी..... जिंदगी में कभी आह भरना न तुम, भूल जाओ अगर याद करना न तुम! चाहे जो बात हो हल न हो पास में, आज को देखकर यार डरना न तुम!... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 149 Share SHASHIKANT SHANDILE 22 Oct 2018 · 1 min read मौत आ जाए मगर ........... गुफ़्तगू हो शायरी में शायरी में गम न हो हो इनायत बस खुदा की आँख कोई नम न हो हो मुहब्बत इस फ़िजा में आसमां हो ख़ुशनुमा दे सुनाई मुस्कुराहट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 255 Share SHASHIKANT SHANDILE 20 Jun 2018 · 1 min read मुहब्बत का हमने जाम ले लिया ............. मुहब्बत का हमने जाम ले लिया , जुदाई इबादत का दाम ले लिया !! वो खुश है अकेले हो हमसे जुदा , तो हमने भी आखरी सलाम ले लिया !!... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 416 Share SHASHIKANT SHANDILE 20 Jun 2018 · 1 min read आज कल हालात है नासाज दिल के~~~~~ ढूंढता रहता हूं मैं अल्फाज दिल के जाने क्यों गुम हो गए अंदाज दिल के रूबरू जो हो गए हो आज मुझसे हाल-दिल कर लो बयां नाराज दिल के मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 323 Share SHASHIKANT SHANDILE 20 Jun 2018 · 1 min read न मैंने ख्वाब देखा हैं न मैंने दिल लगाया हैं........ न मैने ख्वाब देखा हैं न मैने दिल लगाया हैं हक़ीक़त जान कर मैंने मुहब्बत को भगाया हैं बड़ी बेकार है इसकी पकड़ तुम हात ना आना बड़ी बेख़ौफ़ हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 349 Share SHASHIKANT SHANDILE 20 Jun 2018 · 1 min read बड़ी मुश्किलों से बखत है गुजारा ◆◆◆◆◆ निगाहें तुम्हारी करे है इशारा हमें लग रहा है मगर नागवारा बड़े घाव हमनें भरे है अभी तक नहीं चाहिये अब किसीका सहारा भले लग रहा हो हसीं चाँद तुमको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 218 Share SHASHIKANT SHANDILE 21 Dec 2017 · 1 min read ==* दिल समझायें कभी कभी *== रुक्सत करी जो सूरत याद आयें कभी कभी सपनों में आकर मुझको तड़पायें कभी कभी मुस्कान आज भी दिलमे है उनकी बसी हुई उनकी प्यारी बाते आँख भर लायें कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 440 Share SHASHIKANT SHANDILE 28 Dec 2016 · 1 min read ==* देखते है बाप से बेटा बड़ा क्या हो रहा है *== (गजल) नातवानी से फ़साना देश तेरा हो रहा है! देख लो यारो तमाशा आज ये क्या हो रहा है!! सोचता क्या है मसीहा कोई आयेगा वहां से! रात देखा ख्वाब मैंने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 621 Share SHASHIKANT SHANDILE 31 Aug 2016 · 1 min read ==* समशान नजर आता है *== (गजल) जर्रा-जर्रा इस घर का समशान नजर आता है दर-दिवार से आंगन सुनसान नजर आता है ! जी रहा हूँ मगर बेख़ौफ़ मैं रोज इस घर में देख कर आईना दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 383 Share