रितु राज (ritu singh) Tag: बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid रितु राज (ritu singh) 10 Jan 2017 · 1 min read माँ..मैं तेरी आत्मजा माँ..मेरी आवाज तो सुनो क्षण भर रुको..तुमसे दो बाते तो कर लूँ इकबार तो सुन लो माँ "मै हूँ तुम्हारी आत्मजा" माँ दिल में तो दर्द बड़ी है और छिपे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share