ऋतुराज दवे 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ऋतुराज दवे 8 Mar 2019 · 1 min read "नारी" (1) प्रेम बसता नारी सम्मान जहां सुख टिकता (2) रस्सी पे चाल पीहर -ससुराल नारी कमाल (3) अभिन्न मित्र मुस्कान और श्रम नारी के इत्र (4) शर्म है धन नारी... Hindi · हाइकु 1 475 Share ऋतुराज दवे 4 Mar 2019 · 1 min read "शिव" (1)? शिव विवाह भूत-प्रेत बाराती सवारी नंदी (2)? विरह अग्नि शिव का अलंकार सती की भस्म (3)? राख़ विरक्ति शिव एक तपस्वी झूठी आसक्ति (4)? शिव का सत्य काया क्षणभंगुर... Hindi · हाइकु 1 312 Share ऋतुराज दवे 3 Mar 2019 · 1 min read "पवन" (1) "पवन"घोड़े बैठ के आये मेघ सूखे को देख (2) दिखे ना टिके मौसम की गोद में "पवन" खेले (3) अँगुली सँग बाँसुरी रँगमंच नाचे "पवन" (4) पवन करे मौसम... Hindi · हाइकु 1 278 Share ऋतुराज दवे 3 Mar 2019 · 1 min read "दीप/दीपक" बुराई का अंधेरा डसता रहा, दीप अच्छाई बन चमकता रहा, कर्म का तेल, एकता की बाती, रोशन जहाँ को करता रहा l स्वयं में साहस भरता रहा, संघर्ष के रास्ते... Hindi · कविता 1 303 Share ऋतुराज दवे 2 Mar 2019 · 1 min read "सरहद" (1) देश को चैन "सरहद" पे जागे रक्षक नैन (2) उड़ते पंछी "सरहदों" के पार सिमटे इंसां (3) दीवाली गोली "सरहद" त्यौहार खून की होली (4) आतंकी बोली "सरहद" छलनी... Hindi · हाइकु 1 544 Share ऋतुराज दवे 28 Feb 2019 · 1 min read "अतिथि" (1) तन सराय मोह-माया सामान "अतिथि" साँस (2) वक़्त अभाव "अतिथि" से करती दीवारें बात (3) मन के घर घृणा-प्रेम अतिथि आते व जाते (4) अतिथि सेवा पूजा है संस्कारों... Hindi · हाइकु 1 287 Share ऋतुराज दवे 28 Feb 2019 · 1 min read "कलम" "कलम" सृजन भी साधना, साधन है कलम, माँ शारदेआह्वान, भावों का आगमन l अनुभव की स्याही, जब भर लेता मन, कागज के मंच पे, खिलते जीवन रंग l छलकते हैं... Hindi · कविता 1 550 Share ऋतुराज दवे 25 Feb 2019 · 1 min read शहीद ?? शहीदों की शहादत को, नमन सौ बार करता हूँ, मैं अश्रु पुष्प चढ़ाकर , समर्पित भाव करता हूँ, नहीं कोई बड़ा है धर्म, वतन की ईबादत से, प्रेरणा तुम्हें... Hindi · मुक्तक 3 355 Share ऋतुराज दवे 25 Feb 2019 · 1 min read माँ शारदे स्तुति हे कमल पद्मासनी ज्ञान का वरदान दो..... भावों में उतर के माँ लेखनी सँवार दो जो मंत्रमुग्ध कर दे मन वाणी को निखार दो हे कमल पद्मासनी ज्ञान का वरदान... Hindi · गीत 3 497 Share