Rekha Rani 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rekha Rani 18 Sep 2017 · 1 min read नारी -शक्ति हे नारी क्षुद्र नदियाँ नहीं हो तुम,, तुम हो अथाह,,अगाध जलनिधि नयन-वारि की,,, कभी चिरनिद्रा सी शाँत,गंभीर,, ज्वार-भाटे नित उठते-गिरते कभी जिनमें तू तनहा डूबती-तिरती --खाती गोते उफ किए बिना... Hindi · कविता 3 680 Share Rekha Rani 17 Sep 2016 · 1 min read शिकायतें ख़फ़गी से भरी नहीं लगतीं शिकायतें उनकी, तंज करती सी नहीं लगतीं शिकायतें उनकी, शहद सी मिठास दावतों का इल्तिजाई लहजा, आदाब में झुकी सी लगतीं शिकायतें उनकी। Hindi · मुक्तक 1 489 Share Rekha Rani 5 Sep 2016 · 1 min read घर जला कर ग़ैरों के घर ख़ुश होते थे बहुत ही, बिजली ने जलाया घर तो जानाकि घर क्या है Hindi · शेर 1 534 Share Rekha Rani 3 Sep 2016 · 1 min read रब की रहमत रंग औ नूर जो,बरसा है रब के दर से, रंग औ नूर वो,न मिला दुनिया के घर से, बराबर बराबर ,बाँट सब में वही रेखा , कोई नहीं कहीं,रब की... Hindi · मुक्तक 656 Share Rekha Rani 1 Sep 2016 · 1 min read जीत इक लंबा अरसा बीत गया, यादों का बादल रीत गया, बाजी थी उनको पाने की, रेखा रक़ीब ही जीत गया। Hindi · मुक्तक 681 Share