रजनी मलिक Tag: ग़ज़ल/गीतिका 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid रजनी मलिक 15 Feb 2017 · 1 min read गजल "लहरों को पतवार करोगे, तो खुद को मझधार करोगे। साथ न देगा कोई भी जो, बार-बार इनकार करोगे। मनमर्जी कर आज मिटा दो, फिर इक दिन मनुहार करोगे। कहाँ निभेंगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 437 Share रजनी मलिक 21 Jan 2017 · 1 min read हर गजल कुछ कहती है "सुकूँ से भीग जाती है,ये पलकें तेरे आने से, निगाहें जब ठहर जाती तेरे यूँ मुस्कुराने से। ये जो ख्यालों की साजिश है बड़ी है तिश्नगी इसमें, नहीं मिटती किसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 456 Share रजनी मलिक 20 Jan 2017 · 1 min read सब्र "सब्र बरसों का इक पल में जाया हुआ। माज़ी था, सामने वो दबाया हुआ। आलमे बेबसी थी,वो कुछ इस कद्र, इक अकेला किनारा, डूबाया हुआ। दोहराया गया, फिर से मंज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 727 Share रजनी मलिक 18 Jan 2017 · 1 min read कसक "यक़ीनन यूँ तो बात आती नहीं, कसक बस ये आँखे जताती नहीं। सभी खिड़कियाँ है,खुली सी मगर , हवा भी गुजरकर सताती नहीं। निगाहों में उसकी छुपी अर्जियां, नजाकत तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 685 Share रजनी मलिक 12 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ "नींव है परिवार,आँगन,जोड़ती है बेटियां, पर कही अपने ही हक़ को जूझती है बेटियां। शोर सन्नाटे का,पत्थर पर उभरते नक्श सी, पंख लेकर आसमां को,चीरती है बेटियां। अंश,वारिस की लड़ाई... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2k Share रजनी मलिक 9 Jan 2017 · 1 min read जिंदगी "इक उम्र जिंदगी से मिलाती चली गई, दामन में सख्त गिरहें लगाती चली गई, दुनिया के रंगमंच पर अभिनय बहुत किया, ये कोशिशें ही आस बढाती चली गई। गिरने लगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 373 Share रजनी मलिक 5 Jan 2017 · 1 min read इंसान अब सच्चा इंसान नहीं है। करे छलावा मान नहीं है। खेल हो रहा मानवता से, कोई भी अनजान नहीं है। मोल चुका सकता है सुख का, पर पैसा भगवान् नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 526 Share रजनी मलिक 2 Jan 2017 · 1 min read राजनीति "कुर्सियां हो गयी जीत दमदार की, ऐसे जनता बनी नींव जनाधार की। ******** "भीड़ भारी है संसद में भी आजकल, उसमें सुनता नहीं कोई लाचार की। ***** कोई कानून जैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 393 Share रजनी मलिक 7 Dec 2016 · 1 min read वो एक अकेली पर, दो घर को संजोये है "वो एक अकेली पर ,दो घर को संजोये है। अनमोल खजाना है,बेटी में जो पाए है।" ये रस्म विदा की इक आँगन से हुई जब भी, छूटे वही सब रिश्ते,जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 512 Share रजनी मलिक 7 Dec 2016 · 1 min read देर तक* "वक़्त ने पहले सताया देर तक, आस ने लड़ना सिखाया देर तक, अर्जियों ने मेरी खुलकर बारहा, आस का दर खटखटाया देर तक। कुछ कहाँ चाहा था हमने खुदबखुद ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 548 Share रजनी मलिक 7 Oct 2016 · 1 min read गजल-३ काफिया-आते रदीफ़-है बहर-2122 12 12 22 "हक़ से हक़ छीन कर सताते है, ये वफ़ा के अजीब नाते है। -------- जब खलाओं में जश्न आते है, इक दिए से भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 401 Share रजनी मलिक 27 Sep 2016 · 1 min read गजल-2 -------------- बेखुदी में गुनगुनाना चाहिये। वक़्त से लम्हा चुराना चाहिये। -------------------- जो इशारों में सदा जाहिर हुए आज लफ्जों को ठिकाना चाहिये। ''''''''"""""""'''""" क्यूं दी मेहरबानियाँ तुमने मुझे , हक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 485 Share रजनी मलिक 4 Sep 2016 · 1 min read गजल "किसी दिन सामने सच बनके आओ। कभी तुम ख्वाबों के चिलमन हटाओ। धड़कती है हवाओं में मुहब्बत, हमारी दास्ताँ उनको सुनाओ। निकल पाते नहीं जो खुद से बाहर, है कुछ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 435 Share रजनी मलिक 17 Aug 2016 · 1 min read आदमी "खुद से है बेखबर होशियार आदमी, होड़ की दौड़ में है हजार आदमी। "संग अपने पराये चले हर डगर, फिर भी तन्हाइयों का शिकार आदमी। महफिलों में कभी तनहा कभी,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 771 Share रजनी मलिक 12 Aug 2016 · 1 min read "फासला" "अहसास वो अधूरा जताना जरुर था। हम बस तुम्ही से है बताना जरुर था। ठोकर पे इक बदल गए जज्बात कैसे सब, ताउम्र चाहतों को निभाना जरुर था। तन्हा अकेले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 659 Share