राहुल आरेज 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राहुल आरेज 3 Mar 2018 · 1 min read सुन सखी एक बात सुहानी............... सुन सखी एक बात सुहानी चिर विरह मे जलती दिवानी, कोई ना रोके कोई ना टोके सांसो की माला टुट जानी , आकर मेरे मधु जीवन मे उसको थी एक... Hindi · गीत 2 1 478 Share राहुल आरेज 27 Feb 2018 · 1 min read मुखोटे शरीर बिक गया जमीर बिक गया, अब इंसान से इंसान होने की आशा मत करो , गली के नुक्कड पर लगा के बैठे थे हम भी दुकान मुखौटो वाली, श्याम... Hindi · मुक्तक 480 Share राहुल आरेज 27 Feb 2018 · 2 min read सुख-दुख सुख-दुख जीवन का परम लक्ष्य सुख प्राप्ति है ये सुनकर अचंभित होना स्वभाविक है मनुष्य का जन्म से मृत्यु पर्यंत केवल सुख के पीछे भागना जग ज्ञात है । परन्तु... Hindi · लेख 1 284 Share राहुल आरेज 27 Feb 2018 · 1 min read मेरी चाहत और तुम तुम खामोश दरिया हो ,तुममे खुशी की लहरों का कल- कल राग सुनना चाहता हुँ, चुप सी रहती है गहरी और खमोश आंखे इनमे चंचलता और चमक देखना चाहता हूँ।... Hindi · कविता 464 Share राहुल आरेज 15 Feb 2018 · 1 min read शीर्षक-गिरता हूँ उठता हुँ फिर संभलकर चलता हुँ..... राहुल आरेज शीर्षक-गिरता हूँ उठता हुँ फिर संभलकर चलता हुँ............ उन्मुक्त हो कर उड सके विचार मेरे मुझे वो आसमा चाहिये, मन मे उठे हर कौतूहल का जबाब चाहिये। निज पीडा का... Hindi · कविता 676 Share राहुल आरेज 17 Mar 2017 · 1 min read घर याद आता है माँ ?घर याद आता है माँ ? सब छोड जाते वक्त के साथ पर माँ की वह दुलार साथ रहती है , गम मिलते है जिंदगी मे तो माँ की प्यार... Hindi · मुक्तक 625 Share राहुल आरेज 17 Mar 2017 · 1 min read घर घर बचपन की आँख मिचोली को अपने आगोश मे लिपेटे याद आता है घर , घुटनों के बल सरक-सरक घर की दिवार से मिट्टी खाने का स्वाद है घर। बचपन... Hindi · मुक्तक 435 Share राहुल आरेज 11 Jan 2017 · 1 min read "देश है मेरा हिन्दुस्तान " गणतंत्र दिवस की अग्रीम बेला मे एक छोटी सी रचना आपके लिए लाये है. "देश है मेरा हिन्दुस्तान " लेखक राहुल आरेज क्या मजाल थी उन अंग्रेजो की जो शासन... Hindi · कविता 281 Share राहुल आरेज 11 Jan 2017 · 1 min read असुर सम्राज लिख रहा हूँ भावो को शब्दों मे पिरोकर, कुछ लिखू जगति की थाती छंदो से सजाकर , मानुष देह अब अभिशाप लगने लगी हैं, मनुष्य होने की परिपाटी अब मिटने... Hindi · कविता 377 Share राहुल आरेज 10 Jan 2017 · 3 min read भारत की बेटी भारत की बेटी सोचा था बंजर भी उपजाऊ होगी, जगत जननी की नई परिभाषा होगी| पहले तो बेटियों को जन्म के बाद मारने का अधिकार था, न अब बेटियों का... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 792 Share राहुल आरेज 9 Jan 2017 · 1 min read "सावन का महिना और रेन बसरे" राहुल आरेज "सावन का महिना और रेन बसरे" लिखने बैठ गय सावन के बादलोँ को बरसते देख कर, लिखू कुछ ऐसा जो दिल को सूकून दे, पर मैँ लिख न... Hindi · मुक्तक 260 Share राहुल आरेज 9 Jan 2017 · 2 min read पहचान लघु कथा पहचान तीसरी बेटी के जन्म के बाद रंजीत के घर मे मानो मातम सा छा गया, रंजीत की माँ ने आमरण अनशन शरू कर दिया । राधा को ना तो... Hindi · लघु कथा 659 Share राहुल आरेज 9 Jan 2017 · 1 min read कोतवाली की सैर "कोतवाली की सैर" लेखक:राहुल आरेज एक दिन हम यू ही घूमने के बहाने हम पहुच गये कोतवाली, जैसे ही हम गेट पर पहुचे मिल गई खाकी वर्दी वाली, खाकी वर्दी... Hindi · कविता 339 Share राहुल आरेज 8 Jan 2017 · 3 min read भारत की बेटी भारत की बेटी सोचा था बंजर भी उपजाऊ होगी, जगत जननी की नई परिभाषा होगी| पहले तो बेटियों को जन्म के बाद मारने का अधिकार था, न अब बेटियों का... Hindi · कविता 709 Share