RAMESH SHARMA Language: Hindi 934 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid RAMESH SHARMA 4 Dec 2024 · 1 min read खोले हैं जज्बात के, जब भी कभी कपाट लिखता हूं हर शब्द मैं ,सीधा सरल सपाट । खोले हैं जज्बात के, जब भी कभी कपाट । जब भी कभी कपाट,भाव टपके झर झरते। कुछ तो लेते बाँच ,कई... Hindi · कुण्डलिया 1 6 Share RAMESH SHARMA 3 Dec 2024 · 1 min read चखा कहां कब इश्क़ ने,जाति धर्म का स्वाद चखा कहां कब इश्क़ ने,जाति धर्म का स्वाद ! पागल हुआ शिरीन की, चाहत में फरहाद ।। रमेश शर्मा Hindi · दोहा 1 18 Share RAMESH SHARMA 3 Dec 2024 · 1 min read दुखदाई इससे बड़ा, नही दूसरा घाव दुखदाई इससे बड़ा, नही दूसरा घाव । रखा किसी ने आपसे, झूठा अगर लगाव ।। रमेश शर्मा, Hindi · दोहा 1 22 Share RAMESH SHARMA 30 Nov 2024 · 1 min read उनसे ही धोखा मिला ,जिन पर किया यकीन खिसक गई पैरों तले ,.....उनके तुरत जमीन । उनसे ही धोखा मिला ,जिन पर किया यकीन ।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 22 Share RAMESH SHARMA 22 Nov 2024 · 1 min read क्या होता है क़ाफ़िया ,कहते किसे रदीफ़. क्या होता है क़ाफ़िया ,कहते किसे रदीफ़। पूछ लिया तो हो गई, शायर को तकलीफ ।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 39 Share RAMESH SHARMA 20 Nov 2024 · 1 min read सोचा जिनका आज से,कभी न लूँगा नाम सोचा जिनका आज से,कभी न लूँगा नाम। लेकिन अगले रोज ही, पड़ा उन्हीं से काम।। रमेश शर्मा Hindi · दोहा 2 31 Share RAMESH SHARMA 16 Nov 2024 · 1 min read भावना मर्म की, होती नहीं विशुद्ध नाजायज जायज लगे, जायज न्याय विरुद्ध ।। जहाँ भावना मर्म की, ....होती नहीं विशुद्ध ।। रमेश शर्मा Hindi · दोहा 2 34 Share RAMESH SHARMA 16 Nov 2024 · 1 min read चले शहर की ओर जब,नवयुवकों के पाँव। आंगन सूना हो गया, हुआ रुआंसा ग़ाँव। चले शहर की ओर जब, नवयुवकों के पाँव।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 2 43 Share RAMESH SHARMA 14 Nov 2024 · 1 min read कहा कहां कब सत्य ने,मैं हूं सही रमेश. दावा सदा यथार्थ का,करे झूंठ ही पेश । कहा कहां कब सत्य ने,मैं हूं सही रमेश।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 2 52 Share RAMESH SHARMA 13 Nov 2024 · 1 min read पेड़ लगाओ एक - दो, उम्र हो रही साठ. जलते जलता एक है, पूर्ण वृक्ष का काठ। पेड़ लगाओ एक - दो, उम्र हो रही साठ।। जंगल पूरा काट कर,किया अगर जो ठाठ । मुर्दे को भी एक दिन,...नही... Hindi · दोहा 2 47 Share RAMESH SHARMA 12 Nov 2024 · 1 min read जुमला मैने एक जो, ऊपर दिया उछाल जुमला मैने एक जो, ऊपर दिया उछाल। आलोचक घबरा गये, करने लगे बवाल।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 2 44 Share RAMESH SHARMA 12 Nov 2024 · 1 min read जिस पनघट के नीर से, सदा बुझायी प्यास जिस पनघट के नीर से, सदा बुझायी प्यास । उसका भूले से कभी, ...मत करिए उपहास ।। कहाँ मिली हैं खूबियाँ, ...सभी किसी के पास । फिर क्यों हम कमजोर... Hindi · दोहा 1 48 Share RAMESH SHARMA 10 Nov 2024 · 1 min read उनसे रहना चाहिए, हमें सदा आगाह उनसे रहना चाहिए, हमें सदा आगाह। गलती पर भी और की,लिखें अगर वे वाह।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 38 Share RAMESH SHARMA 10 Nov 2024 · 1 min read रहती जिनके सोच में, निंदा बदबूदार . रहती जिनके सोच में, निंदा बदबूदार । स्वयंम्भू घोषित करें, खुद को बरखुरदार।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 51 Share RAMESH SHARMA 9 Nov 2024 · 1 min read लगे स्वर्ण के आम घर में जिनके पेड़ पर,लगे स्वर्ण के आम। ढक जाते हैं आप ही , उनके ऐब तमाम।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 27 Share RAMESH SHARMA 8 Nov 2024 · 1 min read आए थे जो डूबने, पानी में इस बार । आए थे जो डूबने, पानी में इस बार । उल्टा पी कर चल दिए, दरिया का विस्तार ।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 42 Share RAMESH SHARMA 7 Nov 2024 · 1 min read हैं जो हाथ में,लिए नमक शैतान . नहीं दिखाओ भूल कर,घाव उन्हें श्रीमान। बैठे हैं जो हाथ में,लिए नमक शैतान ।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 67 Share RAMESH SHARMA 6 Nov 2024 · 1 min read लंबा धागा फालतू, कड़वी बड़ी जुबान . लंबा धागा फालतू, कड़वी बड़ी जुबान । जीवन भर देते रहें,निश्चित ही व्यवधान।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 41 Share RAMESH SHARMA 5 Nov 2024 · 1 min read बीज निरर्थक रोप मत ! , कविता में संस्कार। बीज निरर्थक रोप मत ! , कविता में संस्कार। चीख चीख कर धर्म कवि,तुझको रहा पुकार।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 2 51 Share RAMESH SHARMA 4 Nov 2024 · 1 min read खिड़की रोशनदान नदारद, (सरसी छंद ) सरसी छंद ******** खिड़की रोशनदान नदारद, शुभग नहीं प्रतिमान। मिले शांति सुख वैभव कैसे ,रूठा जब दिनमान ।। नए दौर घर कहाँ बन रहे , लाखों खड़े मकान । रहे... Hindi · मुक्तक 2 71 Share RAMESH SHARMA 1 Nov 2024 · 1 min read कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार बस कंडक्टर सी कटे, गजब जिंदगी यार। आना जाना कब कहीं, मंजिल बिन किरदार ।। मुझे न जाना है कहीं ,करूं सफर नित यार। कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी... Hindi · दोहा 2 59 Share RAMESH SHARMA 29 Oct 2024 · 1 min read लगा समूचा नाचने , जुगनू का परिवार गया जरा सा सूर्य क्या ,बादल के उस पार । लगा समूचा नाचने , जुगनू का परिवार ।। रमेश शर्मा, Hindi · दोहा 1 56 Share RAMESH SHARMA 28 Oct 2024 · 1 min read गया अगर विष पेट में, मरे आदमी एक । गया अगर विष पेट में, मरे आदमी एक। पियें उसे यदि कान से,रिश्ते मरें अनेक ।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 2 54 Share RAMESH SHARMA 27 Oct 2024 · 1 min read बहती जहां शराब रखे कहां तक जाम का,साकी वहां हिसाब। आंखों में खुद रिंद के, बहती जहां शराब ।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 36 Share RAMESH SHARMA 27 Oct 2024 · 1 min read जयचंदों का देश में,फलता नही रिवाज. जयचंदों का देश में,फलता नही रिवाज। गोरी को देता न यदि, माफी पृथ्वीराज ।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 51 Share RAMESH SHARMA 26 Oct 2024 · 1 min read अनजाने से प्यार अनजाने में हो गया, अनजाने से प्यार । होने वाले हो रहे,नाहक ही बेजार ।। रमेश शर्मा Hindi · दोहा 1 47 Share RAMESH SHARMA 23 Oct 2024 · 1 min read घट जाएगा शर्तिया, बुरा आदमी एक हमने अपने आप को,बना दिया यदि नेक। घट जाएगा शर्तिया, बुरा आदमी एक।। रमेश शर्मा Hindi · दोहा 1 43 Share RAMESH SHARMA 22 Oct 2024 · 1 min read समझदार करने लगे,अर्थहीन जब बात . हो जाती है ज्ञान की, दिन में ही तब रात । समझदार करने लगे,अर्थहीन जब बात ।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 45 Share RAMESH SHARMA 20 Oct 2024 · 1 min read नाचेगा चढ़ शीश पर, हर ओछा इंसान नाचेगा चढ़ शीश पर, हर ओछा इंसान । हद से ज्यादा दे दिया,यदि उसको सम्मान।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 47 Share RAMESH SHARMA 18 Oct 2024 · 1 min read मंदबुद्धि की मित्रता, है जी का जंजाल. चढ़ कर बैठे शीश पर, छाती दलते दाल । मंदबुद्धि की मित्रता, है जी का जंजाल।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 59 Share RAMESH SHARMA 17 Oct 2024 · 1 min read दुख दें हमें उसूल जो, करें शीघ्र अवसान . दुख दें हमें उसूल जो, करें शीघ्र अवसान । सोना वो किस काम का,काट रहा जो कान ।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 44 Share RAMESH SHARMA 17 Oct 2024 · 1 min read देख ! सियासत हारती, हारे वैद्य हकीम देख ! सियासत हारती, हारे वैद्य हकीम । वामपंथ के आम पर,लगते क्यों हैं नीम।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 38 Share RAMESH SHARMA 17 Oct 2024 · 1 min read तबियत मेरी झूठ पर, हो जाती नासाज़. तबियत मेरी झूठ पर, हो जाती नासाज़। कहा सत्य तो हो गए,अपने कुछ नाराज ।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 54 Share RAMESH SHARMA 16 Oct 2024 · 1 min read रहे मुदित यह सोच कर,बुद्धिहीन इंसान रहे मुदित यह सोच कर,बुद्धिहीन इंसान। दुनिया में उससे बड़ा, नही और विद्वान।। रमेश शर्मा, Hindi · दोहा 1 54 Share RAMESH SHARMA 16 Oct 2024 · 1 min read बदल गई है प्यार की, निश्चित ही तासीर।। दोहे की दो पंक्तियाँ, .रखतीं हैं वह भाव । हो जाए पढ कर जिसे,पत्थर मे भी घाव ।। बदल गई है प्यार की, निश्चित ही तासीर । कहते थे जो... Hindi · दोहा 1 35 Share RAMESH SHARMA 15 Oct 2024 · 1 min read भरा कहां कब ओस से किसका कभी गिलास कितना भी कर लीजिए,दिल से आप प्रयास । भरा कहां कब ओस से किसका कभी गिलास। कर लें मन को रोकने, जितनी कोशिश आप, इच्छाओं की सूखती ,कहां किसी की... Hindi · मुक्तक 1 73 Share RAMESH SHARMA 14 Oct 2024 · 1 min read जीवन में रहता नहीं,जिसके जोश उमंग जीवन में रहता नहीं,जिसके जोश उमंग । हट्टा कट्टा शख्स भी, लगने लगे अपंग ।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 61 Share RAMESH SHARMA 11 Oct 2024 · 1 min read थूकोगे यदि देख कर, ऊपर तुम श्रीमान थूकोगे यदि देख कर, ऊपर तुम श्रीमान। गिर जाएगा स्वयं पर, थूक रहे ये ध्यान।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 35 Share RAMESH SHARMA 7 Oct 2024 · 1 min read सत्यानाशी सोच जिमि,खड़ी फसल पर मेह . मंदबुद्धि की बुद्धि पर, समझदार का नेह। सत्यानाशी सोच जिमि,खड़ी फसल पर मेह ।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 47 Share RAMESH SHARMA 6 Oct 2024 · 1 min read होशियार इंसान भी ,बन जाता मतिमंद होशियार इंसान भी ,बन जाता मतिमंद। लोचन उसके ज्ञान के,हुए अगर जो बंद।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 60 Share RAMESH SHARMA 5 Oct 2024 · 1 min read बांटेगा मुस्कान फितरत जिसकी मसखरी,होती है श्रीमान । हो कितना भी कष्ट में, बांटेगा मुस्कान ।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 36 Share RAMESH SHARMA 5 Oct 2024 · 1 min read नही रहेगा मध्य में, दोनों के विश्वास नही रहेगा मध्य में, दोनों के विश्वास । पहना शर्तों का अगर,तुमने मित्र लिबास।। रमेश शर्मा Hindi · दोहा 1 52 Share RAMESH SHARMA 4 Oct 2024 · 1 min read चाहे जितना भी रहे, छिलका सख्त कठोर चाहे जितना भी रहे, छिलका सख्त कठोर। खाते हैं अखरोट को, किए बिना कुछ शोर ll रमेश शर्मा. Hindi 1 58 Share RAMESH SHARMA 1 Oct 2024 · 1 min read जिनका मैंने हर समय, रखा हृदय से ख्याल जिनका मैंने हर समय, रखा हृदय से ख्याल । करते वही वजूद पर, मेरे खड़ा सवाल ।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 42 Share RAMESH SHARMA 1 Oct 2024 · 1 min read करते हो करते रहो, मुझे नजर अंदाज करते हो करते रहो, मुझे नजर अंदाज। पर मैं बदलूँगा नहीं,अपना सरल मिज़ाज।। रमेश शर्मा Hindi · दोहा 1 58 Share RAMESH SHARMA 30 Sep 2024 · 1 min read बिना पढ़े ही वाह लिख, होते हैं कुछ शाद बिना पढ़े ही वाह लिख, होते हैं कुछ शाद । लेखक राजी हो रहा , उसे समझकर दाद ।। रमेश शर्मा Hindi · दोहा 1 61 Share RAMESH SHARMA 30 Sep 2024 · 1 min read खाए खून उबाल तब , आए निश्चित रोष खाए खून उबाल तब, आए निश्चित रोष। करता मानव चूक खुद,औरों को दे दोष।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 68 Share RAMESH SHARMA 29 Sep 2024 · 1 min read दिल के जैसा आज तक, नजर न आया खेत दिल के जैसा आज तक, नजर न आया खेत ! कुछ भी बो कर देख लो, मिलता सूद समेत !! जब जब बोऊँ गम यहाँ,हो जाऊं ग़मगीन ! दिल से... Hindi · दोहा 1 57 Share RAMESH SHARMA 29 Sep 2024 · 1 min read संस्कार की खिड़कियां, हुई जरा क्या बंद संस्कार की खिड़कियां ,हुई जरा क्या बंद । अशिष्टता के हौसले, होने लगे बुलंद ।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 57 Share RAMESH SHARMA 28 Sep 2024 · 1 min read सीखा रहा उड़ना मुझे, जिस गति से सैयाद ।. सिखलाता उड़ना मुझे, जिस गति से सैयाद । मुमकिन है अति शीघ्र वो, कर देगा आजाद।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 66 Share Page 1 Next