Priyanshu Kushwaha 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Priyanshu Kushwaha 28 Mar 2024 · 1 min read बघेली कविता - बघेली कविता - करिन खूब घोटाला दादू। चरित्र बहुत है काला दादू। गनी गरीब के हींसा माहीं, मार दिहिन ही ताला दादू। उईं अंग्रेजी झटक रहे हें, डार के नटई... Quote Writer 35 Share Priyanshu Kushwaha 1 May 2017 · 1 min read इंसानों की बस्ती इंसानों की बस्ती में अब हैवानों का पहरा है,, नफरत का रंग अबकी यहाँ बहुत गहरा है,, ईर्ष्या की नदियाँ तो जोरो-शोरों से बहती हैं,, प्रीत का पानी जरुर, कहीं-न-कहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 519 Share Priyanshu Kushwaha 31 Aug 2016 · 1 min read " उसको ही मंजिल मिलती है " कविता- " उसको ही मंजिल मिलती है " --- हार मान कर बैठ गए जो , कभी नहीं वो बढ़ते है । उसको ही मंजिल मिलती है , जो कठिन... Hindi · कविता 327 Share Priyanshu Kushwaha 18 Aug 2016 · 1 min read नमन है तुझको हिन्दुस्तान कविता- " नमन है तुझको हिन्दुस्तान " ---- नव प्रभात की स्वर्णिम किरणें , करती नित्य श्रंगार । ऊंचे-ऊंचे पर्वत सुंदर, बने मेखलाकार । झर-झर करते निर्मल झरने , देते... Hindi · कविता 2 620 Share