ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " Tag: ग़ज़ल 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 11 Sep 2024 · 1 min read ज़माने की आवाज़ सादर नमन 🙏💐प्रस्तुत है कुछ पंक्तियाँ इन पंक्तियों में मैंने सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया है। ये पंक्तियाँ न केवल प्रेम के विषयों से बाहर आकर... Hindi · ग़ज़ल 46 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 8 Sep 2024 · 1 min read रीत की वात अवं किनखs भावज सादर नमन 🙏💐प्रस्तुत है आज कुछ निमाड़ी पंक्तियाँ |निमाड़ की माटी का लाल होकर निमाड़ी में कुछ ना लिखें ऐसा नहीं हो सकता | लीजिये निमाड़ी रचना का आनंद और... Hindi · ग़ज़ल 74 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 7 Sep 2024 · 1 min read हिम्मत का सफर सादर नमन 🙏💐प्रस्तुत कुछ पंक्तियाँ जिसका शीर्षक है "हिम्मत का सफर " मुश्किलें देख के मैं घबरा रहा था सामना करूँगा कैसे,क़तरा रहा था रास्ते में हर कदम काँटों से... Hindi · ग़ज़ल 74 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 7 Sep 2024 · 1 min read इन्साफ की पुकार महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, दुष्कर्म और हत्या जैसी घटनाएं हमारे समाज पर एक गहरा धब्बा हैं। हर बेटी, हर बहन और हर माँ को सुरक्षित और सम्मानित महसूस कराने... Hindi · ग़ज़ल 60 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 7 Sep 2024 · 1 min read उम्मीद की डोर सादर नमन 🙏💐 प्रस्तुत है कुछ स्वरचित और मौलिक पंक्तियाँ जिसका शीर्षक है "उम्मीद की डोर " मन में कोई कसक रहती है, देश के हालात देखकर, हर रोज़ नई... Hindi · ग़ज़ल 45 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 31 Aug 2024 · 1 min read मित्रता की परख मित्र बनाने वालों का भी इक चित्र होता है जों है उसके अलावा भी इक चरित्र होता है कहते है विपदा मैं साथ दे वो सुमित्र होता है मुश्किल में... Hindi · ग़ज़ल 57 Share