Pramod Raghuwanshi 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pramod Raghuwanshi 18 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक मुबारक बाद हो सबको, नया ये साल आया है।। बहक ना जाऊँ मंजिल से, दौर बेमिसाल आया है।। लगी है आग नफरत की, जमाना भी है मतलव का।। रहे आशीष... Hindi · मुक्तक 572 Share Pramod Raghuwanshi 10 Nov 2017 · 1 min read इस दुनिया में सबसे प्यारा देश हमारा है *इस दुनिया में सबसे प्यारा देश हमारा है??* इस दुनिया में सबसे प्यारा देश हमारा है, भारत भूमि का कण-कण हमें प्राणों से प्यारा है, अनुपम यहां की विविधता और... Hindi · गीत 1 310 Share Pramod Raghuwanshi 12 May 2017 · 1 min read आरक्षण पर प्रयास आरक्षण के सर्प-दंश से हमें बचाओ मोदी जी ॥ सबको दो समान अवसर या हों यादव या योगी जी, गर ऐसे हीं खैरात में बांटोगे, आप मेहनत की रोटी को..... Hindi · कविता 261 Share Pramod Raghuwanshi 6 May 2017 · 1 min read गांव पर रचना गांव जब से शहर हो गये नेता तब से अंगूर हो गये , छोड़ दिया लोंगों का सांथ क्योकि वे मजबूर हो गये गांव जब से शहर हो गये नेता... Hindi · कविता 704 Share Pramod Raghuwanshi 29 Apr 2017 · 1 min read शून्य पर प्रयास ?शून्य पर मेरा प्रयास------ शुन्य का भी अपना एक अलग स्थान है, लग जाए किसी भी अंक में बाद में तो उसका बड़ा दाम है, आज न हुआ वो कल... Hindi · कविता 579 Share Pramod Raghuwanshi 2 Apr 2017 · 1 min read गौं मांता *?गौ-माता"?* गाय हमारी वो माता है जिसे हर युग में पूजा जाता है, कहते हैं इसकी सेवा कर के, हर मानव तर जाता है.... जो चाहे जैसे रख ले, मां... Hindi · कविता 211 Share Pramod Raghuwanshi 2 Apr 2017 · 1 min read ख़ुशियों की शमां ख़ुशियों की भी एक शमां देखी है हमने जहां, मुसीबतों से कोई वास्ता नहीं मिलता ॥ इश्क़ का जुनून हुआ है हावी इस कदर कि अब वफा को बेवफाईयों का... Hindi · कविता 206 Share Pramod Raghuwanshi 30 Mar 2017 · 1 min read प्यार गंवा बैठा देखा जब से उन्हें,खुद को भुला बैठा ॥ बेहद की वफा फिर भी प्यार गंवा बैठा, इतना चाहने पर भी जब वो दूर चले गए, तब सोचा कि किससे मैं... Hindi · कविता 258 Share Pramod Raghuwanshi 30 Mar 2017 · 1 min read दिल लगी देखा जब से उन्हें,खुद को भुला बैठा ॥ बेहद की वफा फिर भी प्यार गंवा बैठा, इतना चाहने पर भी जब वो दूर चले गए, तब सोचा कि किससे मैं... Hindi · कविता 240 Share Pramod Raghuwanshi 30 Mar 2017 · 1 min read भारतीर रेल पर व्रतांत अपना जीवन छुक-छुक करती एक भारतीय रेल सा भैया, कहां हो जाये दुर्घटना और कहां उतर जायेगा पहिंया, नई दिल्ली से चलने वाली क्या चेन्नई तक पहुंचायेगी, क्या स्लीपर टूट... Hindi · कविता 515 Share Pramod Raghuwanshi 30 Mar 2017 · 1 min read हमारा स्वच्छ भारत ??स्वच्छ भारत पर मेरी रचना?? आजाद हुए कई साल हुए पर हमने क्या पाया है राम राज्य की भूमि पर कंश राज की छाया है ॥ एक युग पुरुष,एक वीर... Hindi · कविता 269 Share Pramod Raghuwanshi 28 Mar 2017 · 1 min read दीवाने दिल की दास्तां ????????? ????????? यूं ही ना लगाना दिल कहीं दोस्तों, इश्क की कदर लोग कहां करते हैं, भूला देते हैं लोग फसाना समझ कर और हम जैसे दीवाने आहें भरते हैं... Hindi · कविता 430 Share Pramod Raghuwanshi 20 Mar 2017 · 1 min read जय हो मां नर्मदा रखे न किसी को प्यासी रेवा मातु अविनासी बिनती करूँ मै सभी ध्याईये मां नर्मदा । जगतारिणी है यही दुखहारिणी भी यही प्रेम से पुकारो सभी आईये मां नर्मदा ।।... Hindi · कविता 383 Share