पारसमणि अग्रवाल Tag: कविता 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पारसमणि अग्रवाल 23 Jul 2017 · 1 min read समय मिला तो गरीबो को मिटाने का साहस करूँगा एक दिन मै सफर पर जा रहा था। एक भिखारी भीख माँग रहा था। मैने पूछा - भीख क्यों मांग रहे हो भइय्या। श्रम करके क्यों नहीँ कमाते रूपईया। वह... Hindi · कविता 444 Share पारसमणि अग्रवाल 11 Jul 2017 · 1 min read माना कि आप सूरज हो मगर ढलते हुये अपनों ने हमें जीने का नजरिया सिखा दिया। ठोकरो ने हमें चलना सिखा दिया। क्या हुआ जो छीन लिया आपने हौसला पंखों ने हमें मंजिल पाना सिखा दिया। माना कि... Hindi · कविता 356 Share पारसमणि अग्रवाल 9 Jul 2017 · 1 min read मेरा हक, उन्हीं के कुत्ते खाते है। अब वो हर रोज दीवाली मनाते है। अच्छे दिन नस्ल पहचान कर आते है। मोहताज है जो दो वक्त की रोटी को, अपने हिस्से में दुःख ही दुःख पाते है।... Hindi · कविता 328 Share पारसमणि अग्रवाल 8 Jul 2017 · 3 min read खण्डहर में तब्दील किला बदल सकता तकदीर रिपोर्ट- पारसमणि अग्रवाल अपने एक निजी कार्य से जतारा के प्रवेश द्वार से महज थोड़ी दूर निकलने पर गाड़ी से जतारा किले पर नजर गई और अचानक ही मन में... Hindi · कविता 475 Share पारसमणि अग्रवाल 12 Mar 2017 · 2 min read कफ़न ओढ़ने को मजबूर है प्रतिभा भारतीय जन नाट्य संघ की पत्रिका में प्रकाशित प्रधान सम्पादक की कलम से........... . कफ़न ओढ़ने को मजबूर है प्रतिभा जँहा एक ओर भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा की बाल... Hindi · कविता 269 Share पारसमणि अग्रवाल 10 Mar 2017 · 1 min read बेशक बहुत कीमत थी गुजरे जमाने में बिछड़ गये कई अपने तुम्ही गले लगाओ। यार कोई तो अब एक नई आस जगाओ। बेशक बहुत कीमत थी गुजरे जमाने में, कोई प्यार के बदले प्यार दिलाओ। राह में... Hindi · कविता 505 Share पारसमणि अग्रवाल 6 Mar 2017 · 1 min read वादा आज तुम तोड़ देना वादा आज तुम तोड़ देना। बेवफाओं में नाम जोड़ देना। लिखी थी इबारत प्रेम की, अब उन पन्नों को मोड़ देना। याद आये अगर तुम्हें मेरी, तो निशानियों को फोड़... Hindi · कविता 1 565 Share