पंकज परिंदा Tag: मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid पंकज परिंदा 3 Feb 2017 · 1 min read बिटिया मेरी सोन चिरैया...! ◆ मधुशाला छन्द (रुबाई) ◆ आँगन की वह वृंदा मेरी या लगती कुंदन सोना रश्मि चंद्रमा सी वह दमकत है अद्भुत रूप सलौना स्वर घोलत मकरंद श्रवण में वो लगती... Hindi · मुक्तक 586 Share