Pankaj Gupta 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pankaj Gupta 16 Aug 2016 · 1 min read मेरा शहर. कि मेरे शहर का हाल मत पूछ मेरे दोस्त, यहाँ तो अब जमीन-ए-शमशान भी महेंगी हो गयी है. जिस पेड़ पर बनाये थे परिन्दों ने घोंसले, उस पेड़ से सब... Hindi · कविता 1 432 Share Pankaj Gupta 4 Aug 2016 · 1 min read राष्ट्रीय ध्वज.. मन की बात...!! मैं आपका राष्ट्रीय ध्वज हूँ.. आज आप मेरे भी मन की बात सुनिए. लगता है आप लोग मुझे भूल गए हैं. साल में सिर्फ १५ अगस्त और २६ जनबरी को... Hindi · लेख 302 Share