OP Agarwal 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid OP Agarwal 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल चलो दीवानगी से दिल लगायें., घड़ी भर को खुशी से दिल लगायें,, है पैकर आदमी धोखा-धड़ी का., भला क्या आदमी से दिल लगायें,, अंधेरा जब के रास आने लगा है.,... Hindi · कविता 1 2 262 Share OP Agarwal 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल अँधेरों से अगर घबरा रहा हूँ., उजालों से भी धोका खा रहा हूँ,, सुलझने का नहीं मिल पाया मौक़ा., मैं उल्झन में सदा उल्झा रहा हूँ,, हज़ारों चाहने वाले हैं... Hindi · कविता 1 1 498 Share