ओनिका सेतिया 'अनु ' Tag: Quote Writer 58 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ओनिका सेतिया 'अनु ' 9 May 2024 · 1 min read आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं, आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं, किसी की भावनाओं से कोई सरोकार नहीं। नहीं गर तो कोई बात नहीं , हम भी समझते इनको इंसान नहीं । क्योंकि इंसान... Quote Writer 22 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 9 May 2024 · 1 min read गैरों से जायदा इंसान , गैरों से जायदा इंसान , अपनो से आहत होता है । क्योंकि इन "अपनों" को ही , हमारी कमजोरियों का पता होता है । Quote Writer 23 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 7 May 2024 · 1 min read ना तो कला को सम्मान , ना तो कला को सम्मान , ना व्यक्ति के प्रति आदर । अपने स्वजन ही समझते , कवियों को घर की मुर्गी दाल बराबर । Quote Writer 1 29 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 6 May 2024 · 1 min read प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो , प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो , किसी कलाकार की रचना पर । ऐसे निष्ठुर व्यक्तियो को क्या कहें , आश्चर्य और दुख होता है इनकी संकीर्ण मानसिकता पर... Quote Writer 1 3 32 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 May 2024 · 1 min read हम अपनों से न करें उम्मीद , हम अपनों से न करें उम्मीद , तो गैरों से करें क्या ? अगर करते हैं गैरों से उम्मीद , तो फिर अपनों का फायदा ही क्या ! Quote Writer 1 2 35 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 4 May 2024 · 1 min read अपनी मसरूफियत का करके बहाना , अपनी मसरूफियत का करके बहाना , अपने फर्ज से जी चुराते हैं। ऐसे अपनों का क्या फायदा , जो दुश्मनों जैसी चोट हमें पहुंचाते हैं । Quote Writer 28 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 May 2024 · 1 min read बढ़ना चाहते है हम भी आगे , बढ़ना चाहते है हम भी आगे , मगर कोई चीज कदमों को रोकती है। एक हमारी कमनसीबी,दूजे ज़माना , तीसरा अपनों से मिली तौहीन हमें रोकती है । Quote Writer 1 44 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Apr 2024 · 1 min read सभी नेतागण आज कल , सभी नेतागण आज कल , मनमोहनी कुर्सी पर है नजर गढ़ाए। किसकी बनेगी यह महबूबा, यह कोई समझ न पाए। Quote Writer 1 40 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Apr 2024 · 1 min read अपनी मंजिल की तलाश में , अपनी मंजिल की तलाश में , हम कहां से कहां आ गए। वो तो फिर भी न मिली , मगर हम अपना सुख चैन लुटा आए । Quote Writer 1 44 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 18 Apr 2024 · 1 min read क्या वायदे क्या इरादे , क्या वायदे क्या इरादे , बस चंद दिनों का खुमार है । इन अवसरवादी नेताओं का , होता ऐसा ही दोगला व्यवहार है । Quote Writer 1 26 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 12 Apr 2024 · 1 min read सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से , सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से , शय और मात तो दोनों में होती है । फर्क है तो बस इतना की एक में नेक नियति , और दूसरे... Quote Writer 1 34 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Apr 2024 · 1 min read हम हिंदुओ का ही हदय हम हिंदुओ का ही हदय क्यों है इतना विशाल , के मनाते हैं अन्य धर्मों के त्यौहार। काश ! वो भी दिखा दें थोड़ी सी दरियादिली, धर्म निरपेक्षता के बीड़े... Quote Writer 89 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Apr 2024 · 1 min read सियासत नहीं रही अब शरीफों का काम । सियासत नहीं रही अब शरीफों का काम । यह तो पाक दामन को भी कर दे बदनाम । बेशर्म और कमजर्फ लोगों का है यह जहां , ऐसी दुनिया को... Quote Writer 1 105 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Apr 2024 · 1 min read निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है । निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है । ऐसा तो केवल पशु जीवन सा ही होता है । संसार में आए हैं तो एक लक्ष्य होना चाहिए, किसी लक्ष्य के... Quote Writer 1 102 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 1 Apr 2024 · 1 min read इस शहर से अब हम हो गए बेजार । इस शहर से अब हम हो गए बेजार । बैचेनी और तड़प जैसे लगाए आजार। टूटा हुआ दिल है अश्कों से भीगा दामन , क्या कहें ! नामुराद को भेजते... Quote Writer 100 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Feb 2024 · 1 min read मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर , मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर , जिसका जख्म अब नासूर बन गया। अश्क ही अश्क रह गए अब जिंदगी में, खुशियों और सुकून का दौर काफूर हो... Quote Writer 150 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Feb 2024 · 1 min read क्यों गए थे ऐसे आतिशखाने में , क्यों गए थे ऐसे आतिशखाने में , के अपना दामन जला आए । तौबा ! कैसा सितम हम खुद , अपनी ही जिंदगी से कर आए। Quote Writer 200 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 22 Feb 2024 · 1 min read बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए दिल को भाती थी वो आवाज़ रूहानी । यकीन ही नहीं होता ,मगर यह सच है , हमसे सदा के लिए अलविदा कह... Quote Writer 230 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Feb 2024 · 1 min read बिखर गई INDIA की टीम बारी बारी , बिखर गई INDIA की टीम बारी बारी , बिछड़ ही गए आखिर सभी बारी बारी, कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा जोड़कर बना , था भानुमती का कुनबा , मोदी... Quote Writer 171 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 4 Jan 2024 · 1 min read तू है तसुव्वर में तो ए खुदा ! तू है तसुव्वर में तो ए खुदा ! हर शय हसीन लगती है। तेरे पहलू में आते हैं हम जब , फानी सी जिंदगी रंगीन लगती है । दुआ करते... Quote Writer 2 219 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Dec 2023 · 1 min read फिर वही शाम ए गम, फिर वही शाम ए गम, फिर वही तन्हाई । घेर लेती है तेरी यादें , उफ्फ! यह बेरहम जुदाई । Quote Writer 110 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Dec 2023 · 1 min read कभी फौजी भाइयों पर दुश्मनों के कभी फौजी भाइयों पर दुश्मनों के आकस्मिक आक्रमण पर दुखी होना, तो कभी नारी जाति की दुर्गति पर , उनपर हो रहे अत्याचारों पर शर्मसार होना. बेचारे भारत देश की... Quote Writer 235 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 12 Dec 2023 · 1 min read धारा ३७० हटाकर कश्मीर से , धारा ३७० हटाकर कश्मीर से , किया सरकार ने बेशक नेक कार्य । मगर हमारे हिंदू कश्मीरी पंडितों को , भी उनका स्वराज्य लौटना है अनिवार्य । Quote Writer 161 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Dec 2023 · 1 min read खामोश रहना ही जिंदगी के खामोश रहना ही जिंदगी के है मसले का हल है । वरना जुबान खोली नहीं की , हंगामें हो जाते हैं। Quote Writer 286 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Dec 2023 · 1 min read वर्तमान सरकारों ने पुरातन , वर्तमान सरकारों ने पुरातन , वर्ण व्यवस्था की धज्जियां उड़ा दी । या यूं कहो आदर्श भारतीय समाज की जड़ें हिला दीं। Quote Writer 1 225 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Nov 2023 · 1 min read यदि कोई सास हो ललिता पवार जैसी, यदि कोई सास हो ललिता पवार जैसी, तो बेशक पाती है बहुओं से आलोचना मगर निरूपा राय जैसी ममतामई बनने पर भी तारीफ सुनने को तरस जाती है नाम अपना... Hindi · Quote Writer · कोटेशन 1 295 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Nov 2023 · 1 min read पति की खुशी ,लंबी उम्र ,स्वास्थ्य के लिए, पति की खुशी ,लंबी उम्र ,स्वास्थ्य के लिए, पत्नी रखती भूखे प्यासे रहकर करती , करवा चौथ,या तीज त्यौहार। मगर पत्नी की खुशी ,उसकी लंबी उम्र , स्वास्थ्य या प्रसन्नता... Quote Writer 2 313 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Nov 2023 · 1 min read पति पत्नी में परस्पर हो प्यार और सम्मान, पति पत्नी में परस्पर हो प्यार और सम्मान, तो खुशहाल है जिंदगी । एक दूजे के लिए दुआ के उठे हाथ, वहीं है ईश्वर की सच्ची बंदगी। अन्यथा इसके विपरित... Quote Writer 1 363 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Nov 2023 · 1 min read लाल और उतरा हुआ आधा मुंह लेकर आए है ,( करवा चौथ विशेष ) लाल और उतरा हुआ आधा मुंह लेकर आए है , लगता है घर में मामी से झगड़ के आए हैं । मगर चलो ! अपनी ड्यूटी निभाने तो आ गए... Quote Writer 4 195 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 20 Oct 2023 · 1 min read गर समझते हो अपने स्वदेश को अपना घर गर समझते हो अपने स्वदेश को अपना घर तो उसका दुश्मन तुम्हारा भी दुश्मन हुआ न! अपने देश के दुश्मन से नफरत जाहिर कर, अपनी देशभक्ति साबित तो करो ना... Quote Writer 1 280 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Sep 2023 · 1 min read तौबा ! कैसा यह रिवाज तौबा ! कैसा यह रिवाज और कैसा है चलन है ! पाक दामन नहीं यह फिल्मी नारियां , फिर भी कैसे बन जाती , शरीफ घराने की दुल्हन है । Quote Writer 1 268 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Sep 2023 · 1 min read कौन कहता है की , कौन कहता है की , बहू कभी बेटी नहीं बन सकती । नजरिया बदलो सास नहीं मां बनो, फिर देखो कैसे रिश्ते की तस्वीर है बदलती Quote Writer 505 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Sep 2023 · 1 min read बहू हो या बेटी , बहू हो या बेटी , दोनो को समझो एक समान । दोनो को देखो एक नजर से , दोनो ही है आपके घर की शान । Quote Writer 1 526 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 17 Sep 2023 · 1 min read हे सर्दी रानी कब आएगी तू, हे सर्दी रानी कब आएगी तू, हमको गर्मी और पसीने से कब , निजात दिलवाएगी तू। अरे अब आ भी जा ! मत तरसा जी को हमारे, करवा रही है... Quote Writer 1 544 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Aug 2023 · 1 min read चंदा मामा से मिलने गए , चंदा मामा से मिलने गए , भारतीय भांजे लेकर चंद्र यान हिंडोला, मिले बरसों बाद खुशी से झूम उठे मामा, और अपने दिल का दरवाजा खोला । जी भर कर... Quote Writer 547 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Aug 2023 · 1 min read यह सिक्वेल बनाने का , यह सिक्वेल बनाने का , बॉलीवुड को क्या लगा है रोग, अच्छी भली फिल्म का , सत्यानाश कर देते है ये लोग। कहो कोई जाकर उनसे , यह पिष्ट पेषण... Quote Writer 413 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 12 Aug 2023 · 1 min read इधर उधर की हांकना छोड़िए। इधर उधर की हांकना छोड़िए। जनाब ! जरा मुद्दे पर लौट आइए । कानून व्यवस्था आपकी हो रही लचर, जरा उस पर गौर फरमाइए । Quote Writer 473 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Aug 2023 · 1 min read कभी आंख मारना कभी फ्लाइंग किस , कभी आंख मारना कभी फ्लाइंग किस , यह कैसा लगा है पप्पू जी को रोग । करें भी क्या शादी की उम्र निकल गई नहीं बन पाया अब तक जीवन... Quote Writer 1 252 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jul 2023 · 1 min read माली अकेला क्या करे ?, माली अकेला क्या करे ?, जब फूल ही चमन से बगावत करने लगें । क्या ही करे वो ऐसी नामुराद हवा , गद्दारी की पूरी फिजा में बहने लगे । Quote Writer 1 323 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jul 2023 · 1 min read जाने इतनी बेहयाई तुममें कहां से आई है , जाने इतनी बेहयाई तुममें कहां से आई है , जो वतन से गद्दारी तुम्हारे खून में समाई है , मुफ्त की आजादी तुम्हें हजम नहीं हो रही , मगर अमर... Quote Writer 1 354 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Jul 2023 · 1 min read जर्जर है कानून व्यवस्था, जर्जर है कानून व्यवस्था, और सरकार हमारी सो रही है । कौन सुने निरीह अबलाओं की पुकार, विधाता ने भी कान में रूई दे रखी है । Quote Writer 96 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Jul 2023 · 1 min read कितनी बार शर्मिंदा हुआ जाए, कितनी बार शर्मिंदा हुआ जाए, गुनाहों की वतन में जंजीर सी बन गई है । इस निजाम को तो शर्म आती नहीं , हमें अब सुनने की आदत सी पड़... Quote Writer 278 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Jun 2023 · 1 min read महसूस होता है जमाने ने , महसूस होता है जमाने ने , अपने गिरेबान में झांकना छोड़ दिया है । तभी तो जग में शिकायतों के शोर जायदा, और आत्म ग्लानि की खामोशी कहीं गुम सी... Hindi · Quote Writer 1 383 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Jun 2023 · 1 min read कहने को तो इस जहां में अपने सब हैं , कहने को तो इस जहां में अपने सब हैं , मगर वास्तव में अपना कोई भी नहीं । दिखते है यूं तो दामन रेशमी अति सुंदर , मगर आंसू पोंछने... Quote Writer 515 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Jun 2023 · 1 min read अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है , अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है , खुद टूटा हुआ सा ,बिखरा हुआ सा । तू क्या जाने हमारे वेद पुराण , हमारी पुरातन महान संस्कृति । ऊंह!!बना फिरता... Quote Writer 2 2 353 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Jun 2023 · 1 min read कलम वो तलवार है , कलम वो तलवार है , जो इंसान से इंसान की दूरियों को काटे । वो तलवार बिल्कुल नहीं , जो इंसानी तमीज और तहजीब को ही काट दे । Quote Writer 1 393 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 12 Jun 2023 · 1 min read बाबा फरीद ! तेरे शहर में हम जबसे आए, बाबा फरीद ! तेरे शहर में हम जबसे आए, दुख ,कष्ट और सिर्फ आंसू ही हमने पाए , ना जाना था की यह हमारे लिए इतना मनहूस होगा , बड़ी... Quote Writer 2 2 602 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 10 Jun 2023 · 1 min read इस दुनिया के रंगमंच का परदा आखिर कब गिरेगा , इस दुनिया के रंगमंच का परदा आखिर कब गिरेगा , हम अपनो के बीच नाटक करते करते थक गए है । यह अपनेपन और प्यार का झूठा नाटक कब खत्म... Quote Writer 3 516 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 10 Jun 2023 · 1 min read साथ हो एक मगर खूबसूरत तो साथ हो एक मगर खूबसूरत तो जिंदगी हसीन लगती है , वरना रिश्तों के बेवजह शोर से , हमें अपनी तन्हाई बेहतर लगती है । Quote Writer 1 463 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 4 Jun 2023 · 1 min read विकास का ढिंढोरा पीटने वाले , विकास का ढिंढोरा पीटने वाले , हादसों पर तो अंकुश लगा न सके । बांटने लगे फिर से लो! मुआवजे की राशियां , अपने प्यारों के खोने का दर्द क्या... Quote Writer 3 1 313 Share Page 1 Next